Chaibasa : नक्सल प्रभावित क्षेत्र बड़ालगिया की पहचान है यहां से गुजरने वाली करबरागुटू से बड़ा लागिया होते हुए रोरो और अंजदबेड़ा तक जाने वाली सड़क. यह सडक ग्रामीणों के लिये पुलिस के लिये मुख्य सडक है पर इसकी स्थिति इतनी जर्जर है कि बाईक पर भी यहां संभल कर न जाएं तो दुर्घटना की संभावना बनी रहेगी. बड़ी बात यह है कि ग्रामीण और नक्सल विरोधी अभियान में लगे सीआरपीएफ के जवान इसी सड़क से अंजदबेड़ा तक जाते हैं. इस सडक के निर्माण के लिये किसी का ध्यान नहीं गया है. इतना ही नही इस गांव में पेयजल की गंभीर समस्या है. गांव और उसके आसपास के क्षेत्रो में कुल 12 चापाकल लगे हैं जिसमें दो खराब हैं और अन्य पानी देते हैं. उनमें से कुछ चापाकल से पूरे बड़ा लगिया गांव के पानी की समस्या का निदान होता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-sexual-abuse-in-birsanagar-for-a-month-on-the-pretext-of-marriage-fir-on-retraction/">जमशेदपुर
: बिरसानगर में शादी का झांसा देकर एक माह तक किया यौन शोषण, मुकरने पर एफआइआर यहां चापाकल ठीक कराने या उसे दूसरी जगह पर लगाने के लिये किसी को फुर्सत नहीं है और इससे बड़ी समस्या सिंचाई की सुविधा का न होना है. इस कारण गांव में अधिकांश खेत एक फसल के उत्पादन के बाद खाली पड़ी रहती है. गांव के मुथुराम सुंडी ने बताया कि यहां अगर सिंचाई की सुविधा दी जाए तो कृषक साल भर खेती कर सकते हैं पर सिंचाई की सुविधा नहीं है, जिनकी जमीन नदी नाले के पास है. वे वहां पर सब्जी भाजी का उत्पादन करते हैं क्योंकि नदी से पटाने के लिये पानी मिल जाता है. इस कारण इस गांव के विकास के सड़क का निर्माण और सिचाई की सुविधाओ का होना जरूरी है. वहीं दुलाल सुंडी ने बताया कि गांव में गांव में अनेक ऐसे योग्य लोग हैं जिनके न तो पीएम आवास बने न ही उन्हें ओल्ड एज पेन्सन की सुविधा मिल पायी है. गांव में कोई आता ही नहीं और वृद्ध प्रखंड मुख्यालय जाने में असमर्थ हैं. [wpse_comments_template]
चाईबासा : नक्सल प्रभावित क्षेत्र बड़ा लगिया के विकास में बाधक बनी टूटी सड़क

Leave a Comment