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अच्छी बारिश नहीं होने से किसानों को होगा नुकसान
यदि समय पर बारिश नहीं होती है तो बोये गये धान के बिचड़े सूखकर मर जायेंगे. जबकि दूसरी ओर निचले इलाकों में बसे गांव के खेतों में पर्याप्त जल के संचय के कारण वहां की खेती समय से गतिशील है. लेकिन ऊपरी इलाकों के खेतों में धान के बिचड़े मृतप्राय होने लगे हैं. वहीं कई इलाकों में धान के बिचड़े तो तैयार है. लेकिन रोपनी के लायक खेतों में पानी नहीं होने से संकट खड़ा हो गया है. मतकमहातु के किसान बाबू देवगम, डोबरो देवगम ने बताया कि जिले के अधिकतर गांवों में सिंचाई की समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मानसून पर ही भरोसा है. यदि ये भी धोखा दे गया तो फिर भगवान ही मालिक है. मालूम हो कि आदिवासी हो बहुल इस जिले में इस समय धान के अलावे दलहन यथा मूंग, उड़द, रहड़ की भी खेती होती है. लेकिन पर्याप्त बारिश की कमी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. इसे भी पढ़ें :बिहार">https://lagatar.in/bihar-hearing-in-patna-high-court-on-caste-enumeration-remained-incomplete/">बिहार: जातीय गणना पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई रही अधूरी
सरकार को सिंचाई के लिए पानी की सुविधा करनी चाहिए : किसान
पश्चिमी सिंहभूम के किसान अंगद महतो ने कहा कि सरकार को पानी की सुविधा हर क्षेत्र में करने की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्र में अब भी पानी को लेकर कष्ट है. जिसके कारण सही से खेती नहीं हो पाती है. पश्चिमी सिंहभूम में लगभग 80% किसान खेती पर ही निर्भर है. इसे भी पढ़ें :मनोहरपुर">https://lagatar.in/manoharpur-use-organic-for-agriculture-and-horticulture-amar-singh-sidhu/">मनोहरपुर: कृषि व बागवानी के लिए जैविक का उपयोग करें : अमर सिंह सिद्धू [wpse_comments_template]
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