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Ravi Bharti
Ranchi : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग एक बार फिर अध्यक्ष विहीन हो गया है. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अमिताभ गुप्ता का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो गया. अब आयोग में सिर्फ मेंबर तकनीक और मेंबर लॉ महेंद्र प्रसाद ही बचे हैं. ऐसे में 2024-25 के लिए बिजली दर निर्धारण में देरी होगी. वहीं आयोग में नई नियुक्ति भी नहीं हो पा रही है. पिछले साल नवंबर में आयोग ने अफसरों की नियुक्ति का विज्ञापन निकाला था, लेकिन आठ महीने बीतने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो सकी है.
58 लाख बिजली उपभोक्ताओं की कौन सुनेगा
एक तरफ झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग बिजली की नई दर जारी करने की तैयारी में जुटा है, तो दूसरी तरफ राज्य के 58 लाख उपभोक्ताओं की शिकायतों को कोई सुनने वाला नहीं है. उपभोक्ताओं की शिकायतों के निवारण के लिए हर लाइसेंसी को कंज्यूमर ग्रिवांस रिड्रेसल फोरम का गठन करना था. फोरम का गठन तो हुआ, लेकिन अध्यक्ष नहीं होने से कामकाज बाधित हो रहा है. फोरम में डिस्ट्रिक्ट जज स्तर के अधिकारी की नियुक्ति होनी है.
पलामू के फोरम में भी अध्यक्ष की नहीं हुई नियुक्ति
पलामू के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों को सुनने वाला कोई नहीं है. पलामू में कंज्यूमर ग्रिवांस रिड्रेसल फोरम में पिछले चार साल से अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है. वहीं रांची में भी अध्यक्ष का पद खाली हो गया है. चाईबासा में 22 मई 2022 से अध्यक्ष का पद खाली पड़ा हुआ है. बोकारो में 19 नवंबर 2021 से अध्यक्ष का पद खाली है, जबकि मेदिनीनगर में सात नवंबर 2019 से अध्यक्ष का पद खाली है.
क्या है नियम
अगर पावर सप्लाई करनेवाला लाइसेंसी फोरम में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति नहीं करता है, तो विद्युत नियामक आयोग उस लाइसेंसी के खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है. खास बात यह है कि फोरम में उपभोक्ताओं की ओर से एक प्रतिनिधि का होना भी जरूरी है. लेकिन अब तक उपभोक्ताओं की ओर से एक भी फोरम में प्रतिनिधि नहीं है.
नियुक्ति में भी अब तक फंसा है पेंच
पिछले साल नवंबर में राज्य विद्युत नियामक आयोग में सचिव, लेखा और वित्त अधिकारी और सहायक निदेशक (टैरिफ) के पद पर नियुक्ति का विज्ञापन जारी किया था. इन पदों पर नियुक्ति प्रत्यक्ष, अनुबंध और प्रतिनियुक्ति के आधार पर की जानी है. उम्मीदवारों के अनुभव के आधार पर आयोग चयन करेगा. आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर इन पदों के लिए आवेदन भी उपलब्ध कराया गया. इसके साथ ही योग्यता की जानकारी भी दी गयी. सचिव पद के लिए एचआरडी, मैनेजमेंट, इलेक्टिकल के साथ दस साल का अनुभव जरूरी बताया गया. समकालीन पद का पांच साल का अनुभव समेत अन्य योग्यता भी आवश्यक है. किसी भी नियामक आयोग में लेखा पदाधिकारी पद के लिए 10 साल काम करने का अनुभव, सहायक निदेशक पद के लिए तीन साल काम करने का अनुभव मांगा गया है.
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