Chakradharpur (Shambhu Kumar) : वारंग क्षिति लिपि के खोजकर्ता सह आदिवासी समाज सुधारक ओत गुरु कोल लाको बोदरा की 39वीं पुण्यतिथि शनिवार को चक्रधरपुर के पोटका स्थित आदिवासी मित्र मंडल परिसर में मनाई गई. आदिवासी हो समाज महासभा एवं तुरतुंग प्रोजेक्ट के हो भाषा के शिक्षकों ने ओत गुरु कोल लाको बोदरा के नाम से गाड़े गये पत्थर पर फूल माला पहनाकर पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना की. इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने पूरे विश्व में वारंग क्षिति लिपि को फैलाने व उनके आदर्श पर चलने की बात कही. इस अवसर पर आदिवासी हो समाज महासभा के अनुमंडल अध्यक्ष मथुरा गागराई ने कहा कि ओत गुरु कोल लाको बोदरा हो भाषा के महान साहित्यकार थे.
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लाको बोदरा की जीवनी से प्रेरणा लेने की जरूरत
हो भाषा के उत्थान के लिए उन्होंने कई कार्य किये, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनकी जीवनी से हम सभी को प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. इस मौके पर समाजसेवी सह तुरतुंग शिक्षिका नितिमा जोंको, दियुरी मोगो केराई, बुधदेव गागराई, जेमा सामड, जोसेफ होनहागा, घनश्याम सामड, बिरंग बाहंदा, सुनीता चांपिया, गोला गागराई, समाजसेवी विजय सामड, आर्यन हांसदा समेत अन्य मौजूद थे.