Chakradharpur (Shambhu Kumar) : चक्रधरपुर-खरसावां मुख्य मार्ग के कियाडपता गांव के समीप चक्रधरपुर के चांदमारी निवासी रितेश कुमार की दो माह पूर्व हत्या कर दी गई थी. लेकिन पुलिस अब तक इस हत्या की गुत्थी को नहीं सुलझा सकी है. पुलिस को इस हत्याकांड में कोई सुराग नहीं मिल पाया है. परिवार का आरोप है कि अब पुलिस ने फोन भी उठाना बंद कर दिया है. चाईबासा जाने पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है. चांदमारी निवासी देवा साव के बड़े पुत्र रितेश कुमार 10 अप्रैल को अपने घर से काम के लिए निकला था. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. घर वालों ने जब खोजबीन शुरू की तो 11 अप्रैल की सुबह चक्रधरपुर-खरसावां मुख्य मार्ग के कियाडपता गांव से कुछ दूरी पर जंगल में एक पेड़ से शव लटकता मिला था. शव पर चोट के निशान भी थे. उस वक्त चाईबासा मुफ्फसिल थाना के अधिकारियों ने जल्द ही हत्या की गुत्थी सुलझा लेने का आश्वासन परिजनों को दिया था, लेकिन दो महीने बाद भी पुलिस रितेश के हत्यारों को नहीं पकड़ पायी है. इससे परिजन परेशान हैं.
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परिवार के समक्ष गहराया आर्थिक संकट
चांदमारी निवासी रितेश की मां लीला देवी ने बताया कि कई बार पुलिस से गुहार लगाने चाईबासा जा चुकी हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. वहीं पुलिस के अधिकारियों ने फोन भी रिसीव करना बंद कर दिया है. कहा कि पुलिस मेरे पुत्र की हत्या के मामले में ध्यान नहीं दे रही है, अन्यथा अब तक हत्यारों की पहचान हो जाती. दो महीने पहले रितेश कुमार की हत्या के बाद से परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है. रितेश के चार छोटे-छोटे बच्चे हैं. इसमें तीन बेटी व एक बेटा है. वहीं रितेश के पिता बुजुर्ग हो गये हैं. वे दिल के मरीज हैं. इसके बावजूद वे छोटी सी दुकान चलाकर परिवार चला रहे हैं. रितेश का एक छोटा भाई ई-रिक्शा चलाता है. रितेश की पत्नी सुमन देवी ने कहा कि उनकी तीन छोटी बेटियां व चार साल का एक बेटा है. उसके पति ही घर चलाया करते थे. उनकी हत्या से एक ओर जहां परिवार के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है, वहीं दूसरी ओर बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में भी परेशानी हो रही है. पति की हत्या के मामले में पुलिस-प्रशासन की ओर से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिल रहा है.
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रितेश के मालिक ने भी मुंह फेरा, नहीं मिला सहयोग
रितेश की मां लीला देवी व उसकी पत्नी सुमन देवी ने बताया कि लगभग 22 साल से रितेश चक्रधरपुर के कृष्ण गड़ोदिया के यहां काम करता था. कृष्ण गड़ोदिया के पास कई कंपनियों की एजेंसी है और रितेश उनके यहां ग्राहकों से उधार का पैसा लाने व अन्य काम किया करता था. रितेश की हत्या के वक्त अंतिम संस्कार के लिए मात्र 10 हजार रुपये की मदद की गई थी. उस समय कृष्णा गड़ोदिया ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन अब उसने भी मुंह फेर लिया है, जबकि रितेश की मृत्यु काम करने जाने के दौरान ही हुई थी.
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