Chakradharpur: चैती मेला से पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार चार दिन तक रात में घटयात्रा निकाली गई. ऐतिहासिक केरा मेला की शुरुआत रविवार की देर रात यात्रा घट से हुई. जबकि मां पाउड़ी मंदिर में शुभ घटयात्रा से शुरू हुआ. चार दिन तक देर रात तक केरा गांव एवं चक्रधरपुर में घट के दर्शन एवं पूजन के लिये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही.
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भक्तों ने केरा एवं पाउड़ी मंदिर में माता को चढ़ाया जल
आज बुधवार को चक्रधरपुर के प्रसिद्ध मां केरा मंदिर तथा मां पाउड़ी मंदिर में व्रतियों एवं श्रद्धालुओं ने जल चढ़ाव व पूजा-अर्चना की. भक्तों के लिये मां का पट सुबह पांच बजे से ही खोल दिया गया. दिन भर भक्तों ने मां केरा की दर्शन कर पूजा-अर्चना की. कल गुरुवार को केरा मेला एवं पाउड़ी मेला का समापन होगा.
सैंकड़ों श्रद्धालु आग पर चल कर व कांटों पर लेट कर अपनी भक्ति प्रदर्शित करेंगे
इस दिन दोनों स्थानों पर कालिका घट निकलेगी. समूचा केरा गांव में कालिका घट को भ्रमण कराया जाएगा. वहीं समापन के दिन गुरुवार को सैंकड़ों श्रद्धालु आग पर नंगे पांव चल कर व कांटों पर लेट कर अपनी हठभक्ति प्रदर्शित कर मां को रिझाएंगे. ज्ञात हो कि केरा मेला पश्चिमी सिंहभूम का सबसे बड़ा व ऐतिहासिक मेला है.
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