: गोइलकेरा में पूर्व विधायक गुरुचरण पर 100 नक्सलियों ने किया हमला, दो अंगरक्षक शहीद
9 जनवरी 2012 को आनंदपुर प्रखंड में दो बार हुए हमले में इस तरह बचे थे गुरुचरण नायक
alt="" width="300" height="185" /> 9 जनवरी 2012 को नक्सलियों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के आनंदपुर प्रखंड में एक स्कूल भवन का उद्घाटन व सड़क का शिलान्यास करने गए गुरुचरण नायक व उनके कार्यकर्ताओं पर एक घंटे के अंदर दो बार हमला किया था. पुलिस के साथ नक्सलियों की करीब डेढ़ घंटे तक फायरिंग भी हुई थी, हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ था. तब हमले की पहली घटना आनंदपुर प्रखंड के नक्सलग्रस्त हरता गांव में दोपहर करीब पौने एक बजे हुई थी, जबकि दूसरी बार खटांगबेड़ा गांव में डेढ़ बजे के करीब फिर से नक्सलियों ने हमला कर दिया था. गुरुचरण नायक हरता गांव में स्कूल भवन का उद्घाटन करने व बच्चों को पुरस्कार वितरित करने के बाद भाषण दे रहे थे कि अचानक समीप के जंगल से फायरिंग की आवाज सुनाई दी. एक के बाद एक आठ फायरिंग की आवाज सुनते ही उन्हें खतरे का आभास हुआ और वे भाषण बंद कर पैदल ही सुरक्षाकर्मियों के साथ खटांगबेड़ा गांव की ओर निकल गए. हरता से पांच किमी तक पैदल चलते हुए गुरुचरण व उनके अंगरक्षक मनोहरपुर-रोबोकेरा मुख्य सड़क पर स्थित खटांगबेड़ा गांव पहुंचे. पीछे से उनकी स्कॉर्पियो गाड़ी व स्काट कर रही पुलिस भी वहां पहुंची. खटांगबेड़ा में उन्हें खटांगबेड़ा-हरता सड़क निर्माण की आधारशिला रखनी थी. लेकिन उन्होंने जैसे ही नारियल फोड़कर शिलान्यास की प्रक्रिया शुरू करनी चाही, नक्सलियों की ओर से फिर से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई. पुलिस व उनके अंगरक्षकों ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग शुरू कर दी. मौके की नजाकत को भांपते हुए वह बदहवास हो जमीन पर लेट गए और किसी तरह रेंगते हुए अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ने लगे. इसी बीच नक्सलियों की ओर से फायरिंग और तेज हो गई. खतरा बढ़ता देख सुरक्षाकर्मी चारों ओर से उन्हें घेरकर मोटरसाइकिल से आनंदपुर सीआरपीएफ कैम्प की ओर लेकर रवाना हो गए. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मोटरसाइकिल पर बैठाकर आठ किमी दूर आनंदपुर स्थित सीआरपीएफ कैम्प तक पहुंचाया. जिससे विधायक की जान बच सकी.

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