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चक्रधरपुर : निश्चिंतापुर हाई स्कूल में एक बेंच पर पांच बच्चे, तीन क्लास बरामदे में, कोरोना कैसे रोकेंगे

Chakradharpur : चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत केरा पंचायत के उत्क्रमित उच्च विद्यालय निश्चिंतापुर में कोरोना को लेकर निश्चिंत नहीं रहा जा सकता. यहां कमरे के अभाव में कक्षा 6 से 8 के बच्चे दरी और प्लास्टिक बिछाकर बरामदे में जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं मात्र 2 कमरों में नवम और दशम की क्लास संचालित होती है. नवम क्लास में 117 बच्चे एवं दशम क्लास में 46 बच्चे एक साथ बैठते हैं. जबकि क्लास 6 से 8 तक के 218 बच्चे बरामदे में जमीन पर दरी बिछाकर बैठते हैं. बाकी परेशानियों के साथ-साथ कोरोना संक्रमण का खतरा यहां काफी अधिक है. एक ही बेंच पर चार से पांच बच्चे बैठते हैं, उनके बीच ठीक से सांस लेने की जगह भी नहीं होती तो सोशल डिस्टेंसिंग की बात कौन करेगा. जगह नहीं होने के कारण शिक्षक भी बेबस हैं और स्कूल खुल जाने के कारण बच्चे भी स्कूल पहुंच रहे हैं. विद्यालय में कमरे के अभाव के कारण एक छोटे से रूम में ऑफिस संचालित हो रहा है. स्कूल में क्लास एक से 10 तक में कुल 380 विद्यार्थियों की संख्या है, जिसमें मात्र 7 शिक्षक कार्यरत हैं. [caption id="attachment_162752" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/kera3-300x169.jpg"

alt="" width="300" height="169" /> इस तरह नौवीं और दसवीं कक्षा के बच्चे बैठाए जाते हैं.[/caption]

लाइब्रेरी, कंप्यूटर, प्रैक्टिकल की पढ़ाई भूल जाइये

स्कूल में कमरों का अभाव होने के कारण लाइब्रेरी, कंप्यूटर और प्रैक्टिकल की पढ़ाई नहीं के बराबर होती है. वहीं साइकिल स्टैंड और चारदीवारी भी नहीं है. चारदीवारी नहीं होने के कारण स्कूल के बच्चे अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं. स्कूल में एक शौचालय तत्कालीन विधायक के द्वारा निर्माण कराया गया है, जबकि स्कूल में बच्चों को स्वच्छ पेयजल के लिए एक्वागार्ड तक की व्यवस्था नहीं है. स्कूल के बच्चे चापाकल के पानी से ही अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/09/kera1-300x225.jpg"

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हाई स्कूल में चार और मिडिल स्कूल में  3 शिक्षक 

उत्क्रमित हाई स्कूल निश्चिंतापुर में प्रभारी प्रधानाध्यापक को मिलाकर कुल 7 शिक्षक कार्यरत हैं. हाई स्कूल में भूगोल की शिक्षिका सह प्रभारी प्रधानाध्यापक सुनीता बारला, जीव विज्ञान के शिक्षक जगमोहन जामुदा, अर्थशास्त्र की शिक्षिका पुष्पा रानी बोदरा, हिंदी की शिक्षिका किरण कुंकल एवं मिडिल स्कूल में प्रदीप कुमार महतो, जानकी बेसरा, सारथू प्रधान कार्यरत हैं. 7 शिक्षक के द्वारा ही 380 बच्चों को पढ़ाया जाता है. जबकि सरकारी अनुपात के अनुसार 40 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए.

नए भवन निर्माण के लिए जिला को भेजी है रिपोर्ट

उत्क्रमित हाई स्कूल निश्चिंतापुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक सुनीता बारला ने कहा कि स्कूल में कमरों की कमी होने के कारण क्लास 6 से 8 तक के बच्चों को बरामदे में बैठाया जा रहा है. जिससे बच्चों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल में नए भवन निर्माण को लेकर जिला को रिपोर्ट भेजी गयी है. स्कूल में कमरों के साथ-साथ डेस्क-बेंच की भी घोर कमी है.

बच्चों की जुबानी, उनकी परेशानी

स्कूल के क्लास नवम के बच्चे कुमारी हेंब्रम, सुमित्रा गाग राई व क्लास 6 की छात्र पिंकी गागराई ने कहा कि कमरों के अभाव होने की वजह से एक बेंच पर 4 से 5 बच्चों को ठूंस कर बैठाया जाता है. अगर क्लास में अधिक बच्चे आते हैं तो उन्हें जमीन पर बैठना पड़ता है. स्कूल में दूरदराज के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने साइकिल से आते हैं परंतु साइकिल रखने के लिए स्टैंड तक की व्यवस्था नहीं है.स्कूल में चारदीवारी तक नहीं है. स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी नहीं है. विद्यार्थियों ने सरकार से शीघ्र गुहार लगाते हुए कहा कि नए भवन एवं बेंच-डेस्क की व्यवस्था शीघ्र की जाए, ताकि बच्चे अच्छे माहौल में शिक्षा ग्रहण कर सकें. [wpse_comments_template]

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