Chakradharpur : 21 साल पहले बिहार से अलग कर झारखंड राज्य इसलिए बना था कि झारखंडवासियों को उनका हक और अधिकार मिल सके. लेकिन सालों बीतने के बाद भी झारखंड में हक और अधिकार की लड़ाई जारी है. पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर में 13 नवम्बर से एनआरएचएम स्वास्थ्यकर्मी झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इन्हें पिछले सात माह से सरकार द्वारा वेतन और मानदेय नहीं दिया गया है. इन्हें कोरोना की विषम परिस्थिति में भी काम के बदले दाम नहीं मिला है. सोमवार को बिरसा जयंती और झारखंड राज्य गठन दिवस के दिन स्वास्थ्यकर्मियों ने रैली निकाल कर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. अपनी मांगों के समर्थन में स्वास्थ्यकर्मियों ने अपना हक और अधिकार मांगा. इसे भी पढ़ें : नक्सली">https://lagatar.in/maoist-called-bharat-bandh-on-november-20-in-protest-against-the-arrest-of-naxalite-prashant-bose-will-celebrate-resistance-day-from-november-15-to-19/">नक्सली
प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में माओवादी ने 20 नवंबर को बुलाया भारत बंद,15 से 19 नवंबर तक मनायेंगे प्रतिरोध दिवस इस दौरान एनआरएचएम कर्मचारी संघ की अनुमंडल अध्यक्ष कुमारी इंदिरा के नेतृत्व में एक मांग पत्र स्वास्थ्य कर्मियों ने अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को सौंपा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के खिलाफ भी स्वास्थ्यकर्मियों ने नारे लगाए. स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि उनसे छुट्टियों में भी काम कराया गया. वे कभी अपने कर्त्तव्य से नहीं भागे. स्वास्थ्यकर्मी लगातार सरकार को अपनी समस्या बताते रहे लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी. स्वास्थ्यकर्मियों के इस हड़ताल से अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्रों में बीमार मरीजों का इलाज मुश्किल हो गया है. हड़ताल जाने से पूर्व अनुमंडल अस्पताल परिसर से पवन चौक तक झारखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी लगाते हुए रैली भी निकाली गई. मौके पर किरण कुमारी, कुमकुम कुमारी, देवकी महतो, प्रतिमा मंडल, विद्यावती देवी, तनुजा देवी, रेखा कुमारी, एलसी मिंज, सीमा मजूमदार, सुभद्रा महतो, आशा प्रधान समेत काफी संख्या में एनआरएचएम के कर्मचारी मौजूद थे. [wpse_comments_template]
चक्रधरपुर : सात माह से वेतन नहीं मिला, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए एनआरएचएम स्वास्थ्यकर्मी

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