Chakradharpur (Shambhu Kumar): टाटानगर रेलवे स्टेशन पर 31 दिसंबर की शाम गीतांजलि एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ने के दौरान गिरकर पैर कटने से चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला निवासी शिक्षक राजकमल मिश्रा की मौत हो गई थी. उनके निधन से चक्रधरपुर के शिक्षकों व उन्हें जानने वाले लोगों में शोक व्याप्त है. शनिवार को चक्रधरपुर के अंचल कॉलोनी स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर स्व. राजकमल मिश्रा को श्रद्धांजलि दी गई. इस श्रद्धांजलि सभा में चक्रधरपुर के कई सेवानिवृत्त शिक्षक, विभिन्न विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षक व विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग व स्थानीय लोग उपस्थित हुये. इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने स्व. राजकमल मिश्रा की तस्वीर पर फूल माला चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किया. साथ ही दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
राजकमल मिश्रा के मिलनसार व्यवहार को लोगों ने किया याद
इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने स्व. राजकमल मिश्रा के साथ बिताए गये पलों को साझा किया. मौके पर मौजूद सेवानिवृत शिक्षक श्रवण कुमार मिश्रा ने कहा कि शिक्षक राजकमल मिश्रा के मिलनसार व्यवहार को भुलाया नहीं जा सकता. इस दुख की घड़ी में हम सभी उनके परिवार के साथ है. इस मौके पर स्व. राजकमल मिश्रा के छोटे भाई नील कमल मिश्रा, समाजसेवी जेपी शेखर, श्याम तिवारी, देवेन्द्र नाथ मिश्रा, अशोक कुमार सिंह, शकील अहमद, निर्मल कुमार दुबे, दिगम्बर झा, सुरेश चंद्र महतो, राधागोविंद प्रधान, दीपांकर साव, वेद प्रकाश गुप्ता, संजय रवानी, सुभाष तिवारी, डॉ. मंगलेश पाठक, वीरेन्द्र आर्य, आरएन पांडेय, सूर्यावंश पांडेय समेत अन्य शिक्षक, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग व स्थानीय लोग मौजूद थे.
समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो बच सकती थी मेरे भाई की जानः नील कमल मिश्रा
अंचल कॉलोनी मध्य विद्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान स्व. राजकमल मिश्रा के छोटे भाई नील कमल मिश्रा भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि मेरे भाई को अगर समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता तो उसकी जान बचायी जा सकती थी. उन्होंने कहा कि जब भाई ट्रेन से गिरकर ट्रैक पर गिर गये और उनका पैर कट गया तो किसी ने तत्काल मेरे भाई को ट्रैक से नहीं उठाया, जबकि मेरे भाई दर्द से तड़प रहे थे. वहां मौजूद सभी लोग स्वीपर के आने का इंतजार कर रहे थे. गीतांजलि एक्सप्रेस से कई लोग चक्रधरपुर आते हैं, उस दिन भी ट्रेन से जमशेदपुर से कई लोग चक्रधरपुर आए थे, लेकिन मेरे भाई को किसी ने ट्रैक से नहीं उठाया. इस बीच कटे पैर से अत्यधिक खून बह गया. वहीं एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने में भी देरी की गई. जिस कारण मेरे भाई की जान चली गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मानवता खत्म होते जा रही है. हमें इंसानियत को जीवित रखने की आवश्यकता है.
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