: बाबूलाल मरांडी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने से ईचागढ़ में खुशी की लहर
आज पेड़ों के ठूंठ ही नजर आ रहे है
[caption id="attachment_688807" align="aligncenter" width="600"]alt="" width="600" height="400" /> काटे गए अकाशिया के पेड़[/caption] इन जंगलों में पेड़ों को ग्रामीण ही काट रहे हैं और लकड़ियों को बेच रहे हैं. चाकुलिया बाजार में औसतन रोजाना 500 बोझा लकड़ियां बेचने के लिए लाई जाती हैं. रोजाना सुबह में दर्जनों महिलाओं को हवाई पट्टी क्षेत्र की ओर से साल समेत अन्य प्रजाति के पेड़ों की लकड़ियों का बोझा लेकर बाजार आते हुए सहज ही देखा जा सकता है. वन विभाग द्वारा इस पर रोक लगाने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है. यही कारण है कि इस इलाके के जंगलों का तेजी से सफाया हो रहा है. गर्मी के मौसम में कई जगहों पर ग्रामीण जंगल में आग लगा देते हैं और फिर आग से झुलसे पेड़ों को काटकर उनकी लकड़ियों को बेचते हैं. मोरबेड़ा और माचाडीहा के बीच सड़क के किनारे के वन भूमि में वन विभाग द्वारा कुछ साल पूर्व काजू और अकाशिया के पौधों का रोपण हुआ था. दोनों जंगल उन्नत बन गए थे. परंतु कुछ माह में ही इनका सफाया हो गया और आज पेड़ों के ठूंठ ही नजर आते हैं इसे भी पढ़ें :बहरागोड़ा">https://lagatar.in/bahragoda-dirty-water-of-drain-flowing-on-the-road-villagers-upset/">बहरागोड़ा
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