Chakulia : चाकुलिया के ग्रामीण क्षेत्रों में ताड़ और खजूर के पत्तों की कटाई ग्रामीणों ने शुरू कर दी है. ऐसा होना झारखंड के महान पर्व मकर संक्रांति की दस्तक का संकेत है. मकर संक्रांति का पर्व शीघ्र ही आने वाला है. पिछले एक सप्ताह से ग्रामीण इलाके में ग्रामीण ताड़ और खजूर के पत्तों की कटाई करने में जुटे हैं. इस काम में स्कूली बच्चे भी परिजनों के साथ जुटे हैं. काटे गए पत्तों को धूप में सुखा रहे हैं, ताकि मकर संक्रांति के दिन सुबह में स्नान कर इन सूखे पत्तों से बनाए गए कूमों को जलाकर आग ताप सकें.
14 जनवरी को है मकर संक्रांति
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alt="" width="225" height="300" /> खजूर के पेड़.[/caption] जानकारी हो कि ग्रामीण इलाके में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. वर्ष 2022 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. ग्रामीणों ने ताड़ और खजूर के पत्तों की कटाई शुरू कर दी है. ग्रामीण ताड़ और खजूर के पत्तों को काटकर और सुखाकर उससे कूमा बना लेते हैं. जल स्रोत से लेकर गांव तक इन पत्तों से छोटे-छोटे कूमे बनाए जाते हैं. स्नान करने के बाद ग्रामीण इन कूमों में आग लगा देते हैं और आग तापते हुए अपने घर आते हैं. बड़ी नदियों के किनारे तो सूखे के पत्तों से 50 से 100 मीटर तक ऊंचे कूमा बनाए जाते हैं.
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ने रांची डीसी को चेताया, कार्रवाई करें, नहीं तो सरकार को भेजेंगे रिपोर्ट नहीं सुनाई दे रहे हैं टुसू गीत
एक समय था जब मकर संक्रांति के पूर्व एक माह पहले से ग्रामीण इलाके टुसू गीतों से गूंजने लगते थे. खेत, खलिहानों, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करती महिलाएं टुसू गीत गाया करती थी. परंतु पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण अब टुसू गीत गुम से हो गए हैं. मकर संक्रांति के आने में महज एक सप्ताह बाकी है, परंतु टुसू गीत सुनाई नहीं पड़ रहे हैं. पहले टुसू प्रतिमाओं की मांग खूब होती थी. हाट और बाजारों में कुम्हार टुसू प्रतिमाओं को बेचते थे. ग्रामीण इन्हें खरीद कर घर ले जाते थे और टुसू प्रतिमाओं की पूजा करते थे. परंतु अब टुसू प्रतिमाओं की बिक्री काफी कम हो गई है. टुसू प्रतिमाओं की प्रतियोगिता होती थी. प्रतिमाओं की मांग घटने के कारण प्रतिमा बनाने वाले कलाकारों को बड़ा झटका लगा है. वर्षों पुरानी संस्कृति अब धीरे-धीरे विलुप्त सी होने लगी है. वैसे कोरोना संक्रमण का असर भी इस महान पर्व पर दिखाई पड़ने लगा है. फिलहाल मकर संक्रांति को लेकर हाट और बाजारों में कोई खास रौनक नहीं देखी जा रही है. [wpse_comments_template]
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