Ghatshila : विद्युतीकरण के बाद से चाकुलिया प्रखंड में गरमा धान की खेती में भारी वृद्धि हुई है. सैकड़ों एकड़ खेत में गरमा धान के पौधे लहलहा रहे हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले बहरागोड़ा प्रखंड की तर्ज पर ही चाकुलिया प्रखंड के किसान भी अब बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती कर अपनी आय में इजाफा कर रहे हैं. गौरतलब है कि विद्युतीकरण के बाद किसानों ने अपने खेतों में निजी स्तर पर समरसेबल की व्यवस्था की है. किसानों द्वारा बिजली से समरसेबल चलाकर बड़े पैमाने पर गरमा धान की खेती शुरू की गई हैं. किसानों को अब सिंचाई के लिए मानसून या फिर सरकार की लचर सिंचाई व्यवस्था पर आश्रित नहीं रहना पड़ रहा है.
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गर्मी के मौसम में भी किसान कृषि कार्य करने में मस्त
मालूम हो कि सिंचाई के अभाव में जो खेत पहले परती रह जाते थे और किसान अपने घरों में बेकार बैठे रहते थे. अब उन खेतों में गरमा धान के पौधे लहलहा रहे है. साथ ही गर्मी के इस मौसम में भी किसान कृषि कार्य करने में मस्त हैं. किसानों के मुताबिक यह बदलाव पिछले चार-पांच साल से शुरू हुआ है. इस प्रखंड के बड़ामारा, मुढ़ाल, हरिनिया, खेजुरिया, केरूकोचा समेत कई गांवों के आसपास इन दिनों सैकड़ों एकड़ खेत में गरमा धान के पौधे लहलहा रहे हैं. क्षेत्र में हरीतिमा की चादर सी बिछ गई है. किसान कृषि कार्य में मस्त हैं. गरमा धान की बड़े पैमाने पर हो रही खेती से खेतिहर मजदूरों को भी रोजगार प्राप्त हो रहा है.
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