Ghatshila : बहरागोड़ा विधानसभा क्षेत्र के रास्ते से बड़े पैमाने पर ओड़िशा से पश्चिम बंगाल में पशुधन की तस्करी हो रही है. बहरागोड़ा, गुड़ाबांदा, धालभूमगढ़ और चाकुलिया के रास्ते मवेशियों को क्रूरता पूर्ण तरीके से चारा और पानी दिए बगैर पीटते हुए पैदल ही हांक कर ले जाया जाता है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस तस्करी के पीछे कुछ स्थानीय सफेदपोशों का भी हाथ है. हालांकि, पिछले कुछ माह से राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 18 और 49 पर पुलिस द्वारा पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
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मवेशियों को रात में विभिन्न मार्गों से पश्चिम बंगाल ले जाते हैं तस्कर
पुलिस कार्रवाई के कारण पशु तस्कर मवेशियों को किसी वाहन से ले जाने की बजाय हांकते हुए ले जा रहे हैं. मवेशियों को रात में विभिन्न मार्गों से पश्चिम बंगाल ले जाया जाता है. रोजाना गुड़ाबांदा के रास्ते सैकड़ों मवेशियों को धालभूमगढ़ लाया जाता है और यहां से धालभूमगढ़-पाकुड़ियाशोल सड़क से होते हुए पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना क्षेत्र में प्रवेश कराया जाता है. यहां से मवेशियों को पश्चिम बंगाल के बूचड़ खाना तक पहुंचाया जाता है.
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ओड़िशा से मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाने का सिलसिला जारी
बहरागोड़ा के रास्ते भी ओड़िशा से मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाने का सिलसिला जारी है. मवेशी ले जाने वाले पूछने पर बताते हैं कि पश्चिम बंगाल के बीनपुर हाट या फिर फेको हाट में बेचने के लिए ले जा रहे हैं, जबकि इसके पीछे की कहानी कुछ और ही होती है. चाकुलिया के ध्यान फाउंडेशन गौशाला की टीम द्वारा बहरागोड़ा के धानघोरी के पास रात में 56 मवेशियों को तस्करों से मुक्त कराए जाने के मामले से यह बात साफ हो गई है कि रात में पशुधन की तस्करी की जा रही है.
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