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मवेशियों को रात में विभिन्न मार्गों से पश्चिम बंगाल ले जाते हैं तस्कर
पुलिस कार्रवाई के कारण पशु तस्कर मवेशियों को किसी वाहन से ले जाने की बजाय हांकते हुए ले जा रहे हैं. मवेशियों को रात में विभिन्न मार्गों से पश्चिम बंगाल ले जाया जाता है. रोजाना गुड़ाबांदा के रास्ते सैकड़ों मवेशियों को धालभूमगढ़ लाया जाता है और यहां से धालभूमगढ़-पाकुड़ियाशोल सड़क से होते हुए पश्चिम बंगाल के बेलपहाड़ी थाना क्षेत्र में प्रवेश कराया जाता है. यहां से मवेशियों को पश्चिम बंगाल के बूचड़ खाना तक पहुंचाया जाता है. इसे भी पढ़ें : बीरभूम">https://lagatar.in/birbhum-violence-mamta-will-visit-rampurhat-tomorrow-lashing-out-at-bjp-congress-demands-imposition-of-article-355-in-west-bengal/">बीरभूमहिंसा : ममता कल जायेंगी रामपुरहाट, भाजपा पर बरसी, कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लगाने की मांग की
ओड़िशा से मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाने का सिलसिला जारी
बहरागोड़ा के रास्ते भी ओड़िशा से मवेशियों को पश्चिम बंगाल ले जाने का सिलसिला जारी है. मवेशी ले जाने वाले पूछने पर बताते हैं कि पश्चिम बंगाल के बीनपुर हाट या फिर फेको हाट में बेचने के लिए ले जा रहे हैं, जबकि इसके पीछे की कहानी कुछ और ही होती है. चाकुलिया के ध्यान फाउंडेशन गौशाला की टीम द्वारा बहरागोड़ा के धानघोरी के पास रात में 56 मवेशियों को तस्करों से मुक्त कराए जाने के मामले से यह बात साफ हो गई है कि रात में पशुधन की तस्करी की जा रही है. इसे भी पढ़ें : सरायकेला">https://lagatar.in/seraikela-abvp-celebrated-sacrifice-day-on-the-death-anniversary-of-brave-sons/">सरायकेला: अभविप ने वीर सपूतों की पुण्यतिथि पर बलिदान दिवस मनाया [wpse_comments_template]

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