Chakulia : पश्चिम बंगाल के खेमाशुली में कुड़मी जनजाति को एसटी में शामिल करने और कुड़मी भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की मांग को लेकर शनिवार को चौथे दिन रेल चक्का और पांचवे दिन हाईवे 49 जाम है. बंगाल, ओडिशा और झारखंड के हजारों कुड़मियों का जुटान हुआ है. आंदोलनकारी हटने के मुड में नहीं हैं. मनोरंजन और भोजन पानी के साथ आंदोलन चल रहा है. डीजे पर झूमर गीत बज रहा है और पारंपरिक हथियारों से लैस हजारों लोग नाच रहे हैं. खासकर शाम को हजारों लोगों का महा जुटान हो रहा है.
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हाईवे पर वाहनों की लगी लंबी कतार
जानकारी हो कि पश्चिम बंगाल कुड़मी समाज द्वारा विगत 4 अप्रैल से हाईवे को जाम रखा गया है. हाईवे जाम आंदोलन का नेतृत्व राजेश महतो कर रहे हैं. वहीं आदिवासी कुड़मी समाज द्वारा 5 अप्रैल से रेलवे ट्रैक को जाम रखा गया है. रेलवे चक्का जाम आंदोलन का नेतृत्व कमलेश महतो कर रहे हैं. आज भी भारी संख्या में आंदोलनकारी डटे हुए हैं. आंदोलनकारी आंदोलन स्तर पर नाच गान कर रहे हैं. रेल का परिचालन बंद है. वहीं हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लगी है. हाईवे पर यात्री वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप है. आम यात्री परेशान हैं. जाम में फंसे वाहन चालक परेशान हैं.
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इस बार आर-पार की लड़ाई
रेल बंद होने के कारण इस मार्ग के सभी रेलवे स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा रेल चक्का और हाईवे जाम हटाने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं हुई है. आदिवासी कुड़मी समाज के मूल खूंटी मूल मांता अजीत प्रसाद महतो ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी मांगें मानी नहीं जाएंगी, तब तक आंदोलन करने के लिए कुड़मी समाज तैयार है. इस बार आर पार की लड़ाई है.
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