Ranchi : झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा की अध्यक्षता में शनिवार को प्रोजेक्ट भवन में कल्याण विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समयबद्ध रूप से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे और किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो.
मंत्री लिंडा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार पूरी तरह समर्पित है. उन्होंने कहा कि योजनाओं की नियमित समीक्षा से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है.
बैठक में विभाग की विभिन्न योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई. मंत्री ने विशेष रूप से प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के लंबित भुगतानों की समीक्षा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है और केंद्र सरकार से लंबित राशि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर पहल की जा रही है.
बैठक में वन अधिकार अधिनियम, धरती आवास ग्राम उत्कर्ष योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, सरना-मसना स्थल संरक्षण कार्य, छात्रावासों की स्थिति और वाद्य यंत्र वितरण योजना जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई. मंत्री ने कहा कि सभी योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह विभाग को भेजी जाए ताकि निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया मजबूत हो सके.
लिंडा ने अधिकारियों से कहा कि वे लाभार्थियों से सीधे संवाद स्थापित करें और उनके सुझावों को योजनाओं के सुधार में शामिल करें. उन्होंने पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्ध क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया.
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिम जनजातियों के समग्र उत्थान और विकास के लिए विशेष रूप से संवेदनशील है. सरकार उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आजीविका को सुदृढ़ करने के लिए कई योजनाओं पर कार्य कर रही है.
बैठक में कल्याण सचिव कृपा नन्द झा, कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित विभिन्न जिलों के कल्याण पदाधिकारी और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
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