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हाथियों के भगाने के लिए कुछ नहीं था ग्रामीणों के पास
alt="" width="600" height="400" /> हाथियों के झुंड ने गुरुवार की रात करीब 11:30 बजे से शुक्रवार अहले सुबह करीब 3:30 बजे तक गांव में उत्पात मचाते रहे. इस दौरान हाथियों के झुंड ने सुखराम माझी के अलावा करमा माझी, बाबूराम माझी, राकेश माझी, लखीराम माझी, लकीश्वर माझी समेत अन्य किसानों के मकानों और फसलों को नुकसान पहुंचाया. गांव के माझी बाबा संजीव टुडू ने बताया कि ग्रामीण विवश होकर हाथियों का उत्पात देखते रहे. वन विभाग की ओर से ग्रामीणों को हाथियों को भगाने और उनसे सुरक्षित रहने के लिए किसी प्रकार की सामग्री नहीं दी गई है. इसे भी पढ़ें : यूपी">https://lagatar.in/up-dumper-crushed-auto-returning-from-tilak-five-killed-10-injured/">यूपी
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ग्रामीणों ने वन विभाग से लगाई सुरक्षा की गुहार
alt="" width="600" height="400" /> जंगली हाथियों के उत्पात मचाए जाने के बाद कुरली गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार की सुबह वन विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. इसके साथ ही ग्रामीणों ने जंगली हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने, ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षित रहने के लिए पर्याप्त संसाधन मुहैया कराने और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले भी हाथियों का झुंड मकान और फसल को क्षति पहुंचा चुके हैं. उस समय से जंगली हाथियों का झुंड गांव के आसपास ही विचरण कर रहा है. झुंड में करीब दो दर्जन हाथी शामिल है. बावजूद इसके वन विभाग हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने के लिए किसी प्रकार की कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है. गांव के आसपास हाथियों का झुंड रहने से ग्रामीण जानमाल के नुकसान को लेकर भयभीत हैं. [wpse_comments_template]

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