alt="" width="598" height="688" /> इसे भी पढ़ें : स्ट्रेचर">https://lagatar.in/read-important-news-of-jharkhand-and-country-and-world-in-your-own-newspaper-shubham-sandesh/">स्ट्रेचर
पर स्वास्थ्य व्यवस्था।।पुलिस का कसूर, सलाखों में बेकसूर।।कर्नाटकःदिखी विपक्षी एकजुटता।।राष्ट्रपति के दौरे को लेकर तैयारियां तेज।।समेत कई अहम खबरें पढ़ें दैनिक ‘शुभम संदेश’ में।।
एक मकान को किया क्षतिग्रस्त
इसी क्रम में जंगली हाथियों ने खूंटी गांव के ही राधा माझी के मकान को क्षतिग्रस्त कर धान को अपना आहार बनाया. राधा माझी ने बताया कि हाथियों के झुंड ने घर के बाहर रखे करीब तीन क्विंटल धान को खाया और बर्बाद कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि झुंड में करीब 20 से 25 की संख्या में हाथी थे. सुबह ग्रामीणों ने हल्ला मचाते हुए हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया. इसके साथ ही ग्रामीणों ने घटना की सूचना वन विभाग के पदाधिकारी और चौका थाना की पुलिस को दिया. सूचना मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी व चौका थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सरायकेला भेजा. मौके पर वन विभाग की ओर से मृतक के आश्रित को तत्काल सहायता के तौर पर पचास हजार की राशि सौंपा गया.alt="" width="776" height="582" /> जंगली हाथियों के कारण सुरक्षित नहीं हैं जनता जंगली हाथियों के कारण ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है. जिन क्षेत्रों में जंगली हाथियों का कभी आना-जाना नहीं था, वैसे क्षेत्रों में अब जंगली हाथी पहुंचकर उत्पात मचा रहे हैं. भय के माहौल में लोग जीने पर मजबूर हैं. उक्त बातें जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी ने कहीं. उन्होंने कहा कि जंगली हाथियों रास्ते निर्माण कार्य होने और जंगलों का माहौल हाथियों के रहने लायक नहीं रहने के कारण शायद जंगली हाथी भटककर गांव की ओर अपना रूख किए हैं. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पहले भी जंगली हाथी थे, लेकिन कभी आबादी वाले गांवों में उनका आना-जाना नहीं था. वन विभाग को जंगलों के वर्तमान पर गंभीरता के अध्ययन करना चाहिए कि आखिर हाथी जंगलों से निकलकर गांवों की ओर क्यों जा रहे हैं. [wpse_comments_template]
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