Chandil (Dilip Kumar) : कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत आदिवासी कुड़मी समाज के लोगों को नीमडीह में ही पुलिस ने खदेड़ दिया. यहां से हटाए जाने के बाद सभी चांडिल की ओर तिल्ला रेलवे फाटक के पास पहुंचे और रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. समाज की ओर से बुधवार से नीमडीह रेलवे स्टेशन पर अनिश्चितकालीन रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन शुरू करने की घोषणा की गई थी. इसके तहत समाज के लोग नीमडीह स्टेशन पहुंच रहे थे कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया. इस दौरान लाठीचार्ज और पत्थरबाजी की घटना भी हुई. इस दौरान दोपहर तक ट्रेनों का आवागमन सामान्य रहा. आंदोलन की घोषणा के बाद स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. रेलवे पुलिस के अलावा जीआरपी व जिला पुलिस के जवान महिला बल के साथ मुश्तैद है.
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लाठीचार्ज के बाद बनी रणनीति
लाठीचार्ज की घटना के बाद आदिवासी कुड़मी समाज के नेताओं ने रणनीति बनाई और अपनी मांगों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए किसी भी कीमत पर रेल ट्रैक पर बैठने का निर्णय लिया. इसके बाद सभी नीमडीह रेलवे स्टेशन से चांडिल की ओर करीब एक किलोमीटर दूर स्थित तिल्ला रेलवे फाटक के पास पहुंचे और ट्रैक पर करीब तीन बजे बैठ गए. तिल्ला फाटक के पास कुड़मी समाज के तीन हजार से अधिक लोग एक साथ बैठकर मांगों को पूरा करने के लिए नारेबाजी करने लगे. समाज के लोग अप और डाउन लाइन पर बैठकर रेल परिचालन को ठप करने का निर्णय लिया है. आंदोलन के मद्देनजर आंदोलनाकारियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. आदिवासी कुड़मी समाज के रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन के दौरान रेलवे ट्रैक पर पर झूमर गीतों पर लोग थिरक रहे थे. समाज की महिलाएं और युवतियां झूमर नृत्य कर रही थी. कुल मिलाकर लोग मनोरंजन करते हुए सरकार के समक्ष अपनी मांगों को पहुंचा रहे हैं.
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दोनों ओर से पहुंची पुलिस
तिल्ला फाटक के पास रेल ट्रैक पर आदिवासी कुड़मी समाज के आंदोलनकारियों के बैठने की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल पुलिस स्थिति पर नजर रखी हुई है. रेल ट्रैक के दोनों ओर से पुलिस पहुंची है और आंदोलनकारियों पर नजर रखी हुई है. आंदोलनकारियों में बड़ी संख्या में महिलाओं के शामिल होने के कारण महिला पुलिस को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया है. वहीं मौके पर पहुंचे पुलिस-प्रशासन के अधिकारी आंदोलनाकरियों के हर हरकत की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को दे रहे है. रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों के बैठने के बाद उस रास्ते अबतक एक भी ट्रेन नहीं गुजरी है.