Chandil (Dilip Kumar) : सुवर्णरेखा परियोजना के अधीक्षण अभियंता के पुराने कार्यालय भवन के समक्ष अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच ने बुधवार को आंदोलन के तीसरे चरण के तहत पुतला दहन
किया. सुवर्णरेखा परियोजना के अंचल सह प्रमंडल कार्यालय के समक्ष विस्थापितों ने जल संसाधन मंत्री हेमंत सोरेन, सांसद संजय सेठ और विधायक सविता महतो का पुतला दहन
किया. इसके साथ ही विस्थापितों ने कार्यालय को
कुड़ेदान मानकर गेट के बाहर थूकने का काम
किया. इसके बाद विस्थापित नारेबाजी करते हुए चांडिल डैम के ऊपर चढ़ गए और काम ठप बंद करवा दिया
. विस्थापितों के आंदोलन को देखते हुए डैम में चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी आदि मौजूद
थे. वहीं सुरक्षा को लेकर
बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया
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मंच के संस्थापक राकेश रंजन महतो ने बताया कि सुवर्णरेखा परियोजना के अंचल सह प्रमंडल कार्यालय में पुनर्वास संबंधी और विस्थापितों के लिए किसी प्रकार का काम नहीं होने के कारण उक्त कार्यालय अब
कूड़ेदान के समान
है. चांडिल डैम के विस्थापित इस कार्यालय को
कूड़ेदान समक्ष कर उसके बाहर थूकने का काम
किया. उन्होंने स्थानीय विधायक को
आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव के वक्त उन्होंने लंबी-चौड़ी बातें कही थी, चुनाव जीतने के बाद अब एक बार भी विस्थापितों का हाल जानने नहीं
पहुंची. विस्थापित नेता राकेश रंजन महतो ने बताया कि सरकार विस्थापितों को उसका वाजिब हक और अधिकार
दे. वादा के अनुसार सरकार विस्थापितों को नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास की सुविधा, प्रशिक्षण समेत सभी प्रकार की सुविधाएं
दें. इसके बाद ही चांडिल डैम में जल भंडारण
करें. उन्होंने कहा कि 40 वर्षों से विस्थापितों को उनका हक व अधिकार नहीं मिला है और सरकार चांडिल डैम में जल भंडारण किस अधिकार से कर रही
है. सरकार अब विस्थापितों की समस्याओं का स्थायी समाधान
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डैम के ऊपर धरना पर बैठे विस्थापितों को मनाने के लिए चांडिल अनुमंडल प्रशासन कई बार वार्ता किया, लेकिन विस्थापित सुवर्णरेखा परियोजना के सक्षम पदाधिकारी से बात करने पर
अड़े रहे. विस्थापितों का आक्रोश देखकर पदाधिकारियों ने परियोजना के सक्षम पदाधिकारी को वार्ता करने के लिए दबाव
बनाया. डैम के ऊपर आंदोलन करने वाले
विस्थ्कापितों में महिलाओं की संख्या अधिक
था. इसके बाद चांडिल डैम के कार्यपालक अभियंता के कार्यालय के प्राक्कलन पदाधिकारी सुवर्णरेखा बांध प्रमंडल 2, चांडिल के द्वारा लिखित रूप से आश्वासन दिया गया कि गुरुवार को विस्थापितों की मांगों पर विचार-विमर्श करने के लिए धरना स्थल पर कार्यपालक अभियंता पहुंचेंगे और विस्थापितों के साथ वार्ता
करेंगे. इसके बाद विस्थापित डैम से उतरने के लिए तैयार
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