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चांडिल : गला तक पानी में घुसकर विस्थापितों ने मांगा अपना अधिकार

Chandil (Dilip Kumar) : अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले सोमवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत विस्थापितों ने जल सत्याग्रह कर अपनी मांगों को रखा. जल सत्याग्रह को लेकर चांडिल डैम के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह दंडाधिकारियों के साथ पुलिस जवान तैनात थे. पुलिस की मुश्तैदी देखकर मंच से जुड़े विस्थापितों ने डैम के स्थान पर पातकुम पहुंचकर जल सत्याग्रह किया. इस दौरान गला तक पानी में घुसकर विस्थापितों ने अपना अधिकार मांगा. जल सत्याग्रह में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई. जल सत्याग्रह को लेकर डैम के अंदर किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा था. इसे भी पढ़ें : कोडरमा">https://lagatar.in/koderma-bholenath-seva-samiti-organized-bhandara/">कोडरमा

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विस्थापितों के साथ लगातार हो रहे जुल्म

इस दौरान अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के अध्यक्ष राकेश रंजन महतो ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों के साथ लगातार जुल्म होता आ रहा है. जमीन लेने के 40 वर्षोंं के बाद भी विस्थापितों को मुआवजा और संपूर्ण पुनर्वास की सुविधा नहीं मिलना अपने आप में अपराध है. सरकार और प्रशासन इस दिशा में किसी प्रकार का सकारात्मक कदम क्यों नहीं उठा रही है. पुलिस-प्रशासन विस्थापितों के आंदोलन में सार्थक सहयोग करें, ताकि पुरखों की जमीन-विकास के नाम पर कुर्बान करने वाले विस्थापितों को उनका हक और अधिकार मिल सके. उन्होंने कहा कि अपने हक और अधिकार के लिए मंच के बैनर तले विस्थापित आंदोलन कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-the-strength-of-the-organization-was-emphasized-in-the-meeting-of-the-cpi-ml-standing-committee-in-maithon/">धनबाद

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सूचना पर पहुंचे अधिकारी

विस्थापितों के चांडिल डैम के बजाय पातकुम में जल सत्याग्रह करने की सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पातकुम पहुंचे और स्थिति पर नजर बनाए रखा. पातकुम में जल सत्याग्रह करने की सूचना पर ईचागढ़ के अंचल अधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना के पुलिस अधिकारी व जवान पहुंचे. सभी सड़क के किनारे खड़े होकर विस्थापितों के आंदोलन पर नजर बनाए रखा. इस दौरान मंच के अध्यक्ष राकेश महतो ने कहा कि पुलिस-प्रशासन के लोग विस्थापितों को संवैधानिक तरीके से आंदोलन भी नहीं करने दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान में धारा खत्म हो जाएगा, लेकिन विस्थापितों का आंदोलन खत्म नहीं होगा. [wpse_comments_template]

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