Chandil (Dilip Kumar) : ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र का एकमात्र डिग्री कॉलेज के विद्यार्थी भीषण जल संकट का सामना कर रहे हैं. सिंहभूम कॉलेज चांडिल के साढ़े छह हजार विद्यार्थी अध्ययन करते हैं. सभी पेयजल से जूढ रहे हैं. वर्तमान समय में कॉलेज में स्नातक प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा चल रही है. इस दौरान एक-एक दिन करीब 11 सौ परीक्षार्थी कॉलेज पहुंच रहे हैं. कॉलेज परिसर परीक्षार्थियों से भरा रहता है. ऐसे में कॉलेज में जल संकट उन्हें परेशान कर रहा है.
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एक तो विधानसभा क्षेत्र के दूर-दराज से परीक्षार्थी गरम हवा का झोंका झेलते हुए कॉलेज पहुंच रहे है. चिलचिलाती धूप, गर्म हवा के झोंकों के बीच कॉलेज पहुंचने के बाद उन्हें स्वच्छ पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल रहा है.
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सोलर जल मीनार में कभी-कभी उठता पानी
पेयजल समस्या पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सरोज कुमार कैवर्त ने बताया कि कॉलेज परिसर में कुल तीन चापाकल लगाए गए है. इनमें एक पर पानी टंकी का कनेक्शन है, एक पर सोलर जल मीनार है और एक चापाकल हैंडल वाला है. पानी टंकी वाला नल मोटर जल जाने के कारण अब बंद है. वहीं सोलर जल मीनार और हैंडल वाले चापाकल में कभी पानी निकलता है और कभी नहीं निकलता है. इसका कारण जलस्तर का नीचे जाना है.
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उन्होंने बताया कि जलस्तर नीचे जाने के कारण मोटर जल गया है. उसे मरम्मत के लिए भेजा गया है. एक-दो दिनों में मोटर लग जाएगा. उन्होंने बताया कि दोपहर के वक्त तेज धूप में चापाकल से पानी नहीं निकलता है. ऐसे में विद्यार्थियों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ रहा है. मोटर ठीक होने के बाद इस समस्या से छुटकारा मिलने की संभावना है. उन्होंने बताया कि इस समस्या से जिले के उपायुक्त व अनुमंडल पदाधिकारी को भी अवगत कराया जाएगा.
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तीन में एक सरकारी चापाकल
चार साल पहले आजसू पार्टी के नेता, समाजसेवी हरेलाल महतो ने निजी स्तर से कॉलेज परिसर में पानी टंकी का निर्माण कराया था. जलस्तर नीचे जाने के कारण अब उस टंकी से पानी निकलना बंद हो गया है. बताया गया कि उसका मोटर जल गया है. वहीं कॉलेज परिसर में चांडिल निवासी समाजसेवी आशीष कुंडु द्वारा एक चापानल का निर्माण कराया गया था. सरकार की ओर से कॉलेज में एक सोलर जल मीनार का निर्माण कराया गया है. वर्तमान में इसका उपयोग भी ना के बराबर हो रहा है.
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सरकार की ओर से कॉलेज में पढ़ने वाले साढ़े छह हजार विद्यार्थियों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था अबतक नहीं किया गया है. जिसका नतीजा है कि विद्यार्थी प्यास से व्याकुल होकर पेयजल के लिए इधर-उधर भटकते हैं. विद्यार्थियों का कहना है कि सिंहभूम कॉलेज चांडिल की समस्याओं के समाधान पर सांसद, विधायक, जिला परिषद सदस्य समेत अन्य जनप्रतिनिधि कभी तत्पर्यता नहीं दिखाए. इसको लेकर विद्यार्थियों में आक्रोश व्याप्त है.