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पूजा में लगता है 13 प्रकार के फल व फूल
[caption id="attachment_681059" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="200" /> मंदिर में कतारबद्ध व्रति महिलाएं.[/caption] मां दुर्गा के एक रूप मां विपदतारिणी की पूजा 13 प्रकार के फल व फूलों से की जाती है. इसके साथ ही मिष्ठान्न भी प्रसाद स्वरूप चढ़ाया जाता है. वहीं, रक्षा सूत्र के रुप में लाल रंग के धागे को मंदिर में पूजा कराने के बाद बांह में बांधा जाता है. इस धागे पर भी 13 गांठ लगाए जाते हैं. इस पूजा के पीछे ऐसी मान्यता है कि परिवार में आने वाले हर संकट को मां विपदतारिणी टाल देती हैं. इसलिए मां विपदतारिणी को संतुष्ट करने के लिए महिलाएं उपवास रखती हैं. मंगलवार को पूजा-अर्चना के बाद परिवार के सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण करने से पहले 13 गांठ वाला धागा बांह में बांधा. बंगाली समाज की महिलाओं द्वारा विशेष तौर पर श्रद्धा पूर्वक मां विपदतारिणी की जाती है. इस दौरान मंदिरों में पुजारी द्वारा मां विपदतारिणी की व्रत कथा भी सुनाई गई. फोटो : 1 2. मंदिर में पूजा-अर्चना करती व्रति महिलाएं. 3. इसे भी पढ़ें :नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-married-women-worship-maa-vipadtarini-to-wish-for-happiness-and-prosperity/">नोवामुंडी
: सुख समृद्धि की कामना के लिए सुहागिन महिलाओं ने की मां विपदतारिणी की पूजा [wpse_comments_template]
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