Chandil (Dilip Kumar) : भारतीय संस्कृति का पर्याय नदियों के संरक्षण और संवर्धन के विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान किए जाते रहे हैं. इसी के तहत चांडिल प्रखंड के जयदा स्थित सुवर्णरेखा नदी घाट पर नदी पूजन और गंगा आरती का आयोजन किया गया. गंगा आरती में क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मोक्षदायिनी सुवर्णरेखा नदी पर गंगा आरती कर आभार जताया. गंगा आरती कार्यक्रम का आयोजन जयदा स्थित ऐतिहासिक बुढ़ाबाबा मंदिर के महंत केशवानंद सरस्वती की अगुवाई में बुद्धा अकादमी के संस्कृति विभाग की ओर से ग्रामीणों के सहयोग से किया गया था.
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नदी को पवित्र व साफ रखने के लिए जागरूक होंगे लोग
जयदा मंदिर के महंत केशवानंद सरस्वती ने कहा कि इस प्रकार के अनुष्ठान से लोगों के बीच नदी को साफ व पवित्र रखने के लिए जागरुकता आएगी. लोगों के बीच नदियों के महत्व की जानकारी पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि सुवर्णरेखा नदी मोक्षदायिनी नदी है. झारखंड से निकलने वाला सुवर्णरेखा नदी सीधे महासागर में मिलती है. इसी नदी के बालू से अब भी सोने के कण मिलते हैं. सुवर्णरेखा नदी लोगों के पेट भरने का भी काम करती है. मौके पर बुद्धा अकेडमी के निर्देशक कृष्णा बेहरा ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में जागरूकता अभियान चलाना व नदियों के महत्व को बताना है. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम आने वाले समय में भी किया जाएगा.
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