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चांडिल : गुरुचरण साव के दर्द को समझे सरकार - सांसद

Chandil (Dilip Kumar) : रांची संसदीय क्षेत्र के सांसद संजय सेठ ने कहा कि पूर्व पंचायत समिति सदस्य गुरुचरण साहू डैम से छलांग लगाने का निर्णय किस परिस्थिति में लिया था सरकार और प्रशासन को इस पर सोचने की जरूरत है. इस प्रकार का निर्णय सरकार और मैनेजमेंट के लापरवाही का नतीजा है. सरकार विस्थापितों को नजरअंदाज कर सिर्फ अपनी रोटियां सेकने में लगी है. प्रशासन एवं झारखंड सरकार से विस्थापितों के लिए उनकी मांग बिल्कुल जायज है. उन्होंने कहा कि सरकार को विस्थापितों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. सालों साल से विस्थापितों की समस्याओं का समाधान नहीं होने के कारण विस्थापित अपनी जान देने पर तूले हुए हैं. सरकार और प्रशासन को इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए विस्थापितों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. इसे भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-left-parties-protest-against-the-anti-people-policy-of-the-central-government/">धनबाद

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अपनी मनमानी पर उतारू है सरकार व प्रशासन

डैम का जलस्तर 180 मीटर रखने की मांग शुरू से की जा रही है. सांसद ने कहा कि उनके द्वारा भी कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन सरकार और प्रशासन इस पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं कर अपनी मनमानी करने पर उतारू है. विस्थापित दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं और अगर हक और अधिकार के लिए जल सत्याग्रह या और भी आंदोलन करने का प्रयास करते है तो यह सरकार उसे दबाने और कुचलने का प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनावी सभा में कहा था कि उनकी सरकार बनते ही विस्थापन आयोग का गठन किया जाएगा एवं विस्थापितों को न्याय दिलाया जाएगा. उनके सरकार के चार साल पूरे होने को है, अभी तक विस्थापितों को न्याय नहीं मिला है. [wpse_comments_template]

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