Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अबाध रूप से चल रहे अवैध नकली लॉटरी और प्रदूषण के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता गुरुचरण साव ने सरायकेला-खरसावां जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को ज्ञापन सौंपा है.
जनता को बीमार व लाचार बना रहा है प्रदूषण : गुरुचरण साव
उन्होंने जिला मुख्यालय में शुक्रवार को उपायुक्त से मिलकर ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की दो विकराल समस्याओं से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि क्षेत्र में प्रदूषण जहां आम जनता को बीमार व लाचार बना रहा है वहीं अवैध नकली लॉटरी का गैरकानूनी कारोबार मेहनतकश मजदूरों की गाढ़ी कमाई लूट रहा है और युवाओं को अंधकार की ओर ढकेलने का काम कर रहा है. अनुमंडल क्षेत्र में चल रहे अवैध नकली लॉटरी के खेल में मजदूरों की गाढ़ी कमाई डूब रही है. परिवारों में विवाद बढ़ता जा रहा है. युवा वर्ग इस दलदल में फंसकर अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं.
विधानसभा के बाहर कर चुके हैं प्रदर्शन
सामाजिक कार्यकर्ता गुरुचरण साव ने लॉटरी के अवैध कारोबार के खिलाफ झारखंड विधानसभा के गेट पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. राज्य में हेमंत सोरेन के दुबारा सत्ता में आने के तुरंत बाद उन्होंने युवाओं का भविष्य अंधकार की ओर ले जाने वाले अवैध नकली लॉटरी बंद कराने के लिए विधानसभा के समक्ष आवाज बुलंद की. हाथ में पोस्टर लिए गुरुचरण साव ने सरकार से जानना चाहा कि लॉटरी का अवैध कारोबार आखिर कब बंद होगा. उन्होंने बताया कि राज्य में लॉटरी टिकट के बिक्री पर प्रतिबंध है. बावजूद इसके चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में रोजाना कई लाख के अवैध नकली लॉटरी की बिक्री हो रहा है. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के चौक-चौराहों के अलावा हाट बाजार और ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से लॉटरी का अवैध कारोबार चल रहा है. उन्होंने बताया कि पुलिस-प्रशासन के नाक के नीचे यह गोरखधंधा चल रहा है.
प्रदूषण ने जीना किया मुहाल
उपायुक्त से मिलकर सामाजिक कार्यकर्ता गुरुचरण साव ने अनुमंडल क्षेत्र में स्थित विनाशकारी प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण क्षेत्र में लाह का उत्पादन ठप हो गया है. लोग ताजा साग-सब्जी नहीं खा पा रहे है. तालाब-कुआं व अन्य जलाशयों में पानी के ऊपर काले डस्ट की मोटी परत जम जा रही है. उन्होंने बताया कि सरकारी आकंड़ों के अनुसार चांडिल क्षेत्र में प्रतिदिन एक टीबी का मरीज मिल रहा है. चौका क्षेत्र में लोगों में सांस संबंधी और आखों की एलर्जी की समस्या बढ़ गई है. प्रदूषण का विरोध करने पर कंपनी प्रबंधन झूठे मामले में फंसा देते हैं. एक प्रकार से क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली कंपनियों के प्रबंधन की तानाशाही कायम है. उन्होंने उपायुक्त से दोनों मामले पर सकारात्मक पहल करते हुए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.
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