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0.55 एकड़ सरकारी भूमि पर भी कब्जा
झारखंड सरकार यह बात भी मान चुकी है कि नरसिंह इस्पात ने वन भूमि पर कब्जा किया है. कंपनी ने कुल 9.94 हेक्टेयर समेत 10.12 हेक्टेयर वन भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है. इसके साथ ही कंपनी ने .55 एकड़ सरकारी भूमि पर भी अवैध कब्जा कर रखा है. नरसिंह इस्पात कंपनी पर आरोप है कि कुरली पीएफ में 0.24 हेक्टेयर, मुसरीबेड़ा पीएफ में 0.08 हेक्टेयर वनभूमि का अतिक्रमण किया है. इसके अलावा मुसरीकुदर पीएफ में 9.62 हेक्टयेर वन भूमि (खतियान में जंगल-झाड़ दर्ज) पर अतिक्रमण किया गया है. यही नहीं नरसिंह इस्पात कंपनी ने खूंटी मौजा के अलग-अलग प्लॉट में 0.26, 0.23 और 0.06 एकड़ सरकारी भूमि पर भी अतिक्रमण कर रखा है. इसे भी पढ़ें : जेल">https://lagatar.in/after-getting-aman-singh-killed-in-jail-ashish-ranjan-singh-took-over-the-command-of-the-gang/">जेलमें बंद अमन सिंह की हत्या कराने के बाद आशीष रंजन सिंह ने संभाली गिरोह की कमान
2016 में विधानसभा में उठा था मामला
नरसिंह इस्पात कंपनी द्वारा वन भूमि पर अवैध कब्जा करने की पुष्टि आठ साल पहले ही हो चुकी है. इससे पहले वर्ष 2013 में कंपनी और इसके मालिकों के खिलाफ वनवाद (मामला) दर्ज किया गया था. कंपनी व इसके मालिकों द्वारा वन भूमि का कब्जा करने का मामला वर्ष 2016 में विधानसभा में भी उठा था. तत्कालीन विधायक साधु चरण महतो के सवालों के जवाब में राज्य सरकार ने माना था कि यह सच है कि कंपनी ने वन भूमि पर अवैध कब्जा करके कारखाना स्थापित किया है. सरकार ने यह भी जानकारी दी थी कि कंपनी के खिलाफ वर्ष 2013 में अदालत में मामला दर्ज किया गया है. इसे भी पढ़ें : लोहरदगा">https://lagatar.in/lohardaga-bdos-daughter-of-peshrar-block-committed-suicide/">लोहरदगा: पेशरार प्रखंड के बीडीओ की बेटी ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट भी बरामद
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