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Chandil : लैम्पसों में अब तक नहीं पहुंचा धान का उन्नत बीज, किसान मायूस

Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में खरीफ के मौसम में खेती करने वाले किसानों को लैम्पस से उन्नत किस्म की धान का बीज लेने के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल, लेटलतीफी के कारण ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के लैम्पसों में सरकारी स्तर पर मिलने वाले धान के बीज अब तक नहीं पहुंचे हैं. इसके कारण किसानों को परेशानी होने लगी है. ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के किसान खरीफ के मौसम में मुख्यत: धान की खेती करते हैं. इस क्षेत्र के किसान धान की खेती के लिए पूरी तरह से मानसून पर ही निर्भर रहते हैं. मानसून आने को है और लैम्पस में धान के बीज अब तक नहीं पहुंचे हैं. किसान रोज लैम्पस के चक्कर काट रहे हैं. धान के बीज नहीं पहुंचने पर किसान मायूस होकर घर लौट रहे हैं. ऐसे में किसानों को बाजार से बीज खरीदने की स्थिति बनती जा रही है. चांडिल लैम्पस की अध्यक्ष सविता किस्कू ने बताया कि धान बीज क्रय करने के लिए लैम्पस के माध्यम से ड्राफ्ट जमा कर दिया गया है. अभी तक धान का बीज नहीं मिलने से किसानों को बहुत दिक्कत हो रही है. धान बीज के लिए क्षेत्र के किसान रोज लैम्पस पहुंच रहे हैं. इसे भी पढ़ें : Chandil">https://lagatar.in/chandil-jbkss-protest-at-kukdu-block-headquarters-on-24th/">Chandil

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दो-तीन दिनों में पहुंचेगा बीज - मणिकांत सिंह

सहकारिता विभाग के मणिकांत सिंह ने बताया कि लैम्पस की ओर से धान के बीज के लिए ड्राफ्ट भेजा जा चुका है. ड्राफ्ट मिलने के बाद धान के बीज भेजा भी जा चुका है. रास्ते में विलंब होने के कारण बीज अब तक लैम्पस तक नहीं पहुंच सका है. दो-तीन दिनों में चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के किसानों को लैम्पस में धान के बीज मिलने लगेंगे. वहीं क्षेत्र के किसान सह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सरदीप नायक ने कहा कि लैम्पस के माध्यम से बीज नहीं मिलने के कारण किसानों को खेती करने में परेशानी होगी. मानसून पहुंचने ही वाला है और किसान अब तक खेती की सारी तैयारी भी नहीं कर सके हैं. उनके पास बीज भी उपलब्ध नहीं है. किसान अगर सही समय पर धान का बिचड़ा तैयार नहीं करेंगे, तो धान के पैदावार पर असर पड़ेगा. सरकार को जल्द से जल्द लैम्पसों में बीज उपलब्ध करवाना चाहिए. धान बीज की जानकारी लेने लैम्पस पहुंचे सरदीप नायक ने कहा कि किसान रोज मायूस होकर लैम्पस से बगैर धानका बीज लिये लौट रहे हैं. एक तो क्षेत्र में किसानों के खेतों को सिंचित करने के लिए कोई ठोस पहल अब तक नहीं की गई है. वहीं अगर किसान मानसून के भरोसे खेती कर रहे हैं तो उन्हें समय पर बीज भी नहीं मिल रहा है. [wpse_comments_template]

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