Chandil : आदिवासी कुड़मी समाज सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम जिला संयोजक मंडली ने सोमवार को कुकड़ू प्रखंड के छतरडीह शहीद रघुनाथ महतो चौक में अन्याय दिवस मनाया. इस दौरान जानकारी देते हुए आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्र मोहन महतो ने कहा कि आज ही के दिन 6 सितंबर 1950 को भारत के संविधान में अनुसूचित जनजाति की सूची बनाई गई. इसमें 1931 के आदिम जनजाति की सूची में शामिल समुदायों को स्थान दिया गया. इसमें छोटानागपुर पठार के कुड़मी जनजाति समुदाय को साजिश के तहत बिना किसी नोटिफिकेशन के शामिल करने से छोड़ दिया गया. इस अन्याय के लिए आदिवासी कुड़मी समाज प्रत्येक वर्ष इस दिन को अन्याय दिवस के रुप में मनाता है. इसे भी पढ़ें : फटाफट">https://lagatar.in/quickly-settle-the-work-related-to-banks-from-september-8-banks-will-remain-closed-for-5-consecutive-days/">फटाफट
निपटा लें बैंकों से जुड़े कामकाज, 8 सितंबर से लगातार 5 दिनों तक बैंक रहेंगे बंद उन्होंने कहा कि सरकार जल्द कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल कर न्याय करें. साथ ही भारत की जनगणना की भाषा सूची में कुड़माली भाषा कोड अविलंब लागू करे. अन्यथा समाज भी राजनीतिक तौर पर सभी दलों से विमुख होने को विवश होंगे. इस अवसर पर प्रकाश केटिआर, सुधांशु महतो, पंचानन महतो, किरीटी महतो, गणेश महतो, राजेश महतो, राजकिशोर महतो, देव काड़ुआर, राज बंसरिआर, प्रकाश महतो, डॉ विभीषण महतो, शशिभूषण महतो, सुबोध महतो, जयंत महतो, राकेश महतो, निरानंद महतो, वरुणदेव महतो, समीर, गाजीराम महतो, करमचांद महतो, दामोदर महतो आदि उपस्थित थे. [wpse_comments_template]
चांडिल : कुड़मी को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं करने के विरोध में कुकड़ू प्रखंड में मनाया अन्याय दिवस

Leave a Comment