Chandil (Dilip Kumar) : अंतरराष्ट्रीय हिंदी दिवस के अवसर पर गुरुवार को सिंहभूम कॉलेज चांडिल के हिंदी विभाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर वर्तमान दौर में हिंदी के लिए चुनौती, हिंदी का इतिहास, हिंदी का विकास आदि विषय पर चर्चा की गई. मौके पर उपस्थित लोगों ने अपने-अपने विचार रखे. वक्ताओं ने कहा कि विश्व के कई भाषाओं का ज्ञान आपके सामने तुच्छ होगा, जब आप अपना मातृभाषा का ज्ञान नहीं रखोगे. कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज के स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने किया था. कार्यक्रम में कॉलेज के प्राचार्य डाॅ सरोज कुमार कैवर्त, हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ आरआर राकेश, हिंदी के प्रोफेसर प्रभास गोराई, संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ सुनील मुर्मू समेत कई लोग उपस्थित थे.
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1949 में हिंदी दिवस मानने का लिया गया निर्णय लिया
इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ सरोज कैवर्त ने कहा कि सभी मनुष्य को अपनी मातृभाषा से प्रेम करना चाहिए. अपनी मातृभाषा में बात करना गौरव की बात है. जिसे अपनी मातृभाषा से प्रेम नहीं वह व्यक्ति हमेशा दूसरे का गुलाम बनकर ही रहेगा. विश्व की अन्य भाषा का ज्ञान लोगों के लिए जरूरी है, लेकिन बातचीत हमेशा अपनी मातृभाषा में ही करना चाहिए. विश्व के कई बड़े-बड़े विकसीत देशों के लोग अपनी मातृभाषा में ही बात करते हैं. उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 351 और 343 में कहा गया है कि संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी होगी और संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतरराष्ट्रीय रूप होगा. यह निर्णय 14 सितंबर 1949 को लिया गया था, तब से इसी दिन हिंदी दिवस मनाया जाता है.
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मॉरिशस में स्थित है विश्व हिंदी सम्मेलनी
कॉलेज के हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ आरआर राकेश ने कहा कि भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में हिंदी भाषा बोली जाती है. विश्व में हिंदी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलन की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को नागपुर में आयोजित हुआ. विश्व हिंदी सम्मेलनी का सचिवालय मॉरिशस में स्थित है. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने निर्णय लिया था कि हिंदी केंद्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी. क्योंकि भारत में अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिंदी भाषा बोली जाती है. हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए वर्ष 1953 से 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है.