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चांडिल : ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में भी रहा झारखंड बंद का व्यापक असर

Chandil (Dilip Kumar) : संथाली को राज्य का प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, ओलचिकी लिपि में पुस्तकों का प्रकाशन कर पठन-पाठन शुरू करने समेत अन्य मांगों के समर्थन में आहूत झारखंड बंद का ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र में भी व्यापक असर देखा गया. ईचागढ़ प्रखंड के गौरांगकोचा ब्लॉक मोड़ पर भूषण मुर्मू की अगुवाई में गाजे-बाजे के साथ सड़क जाम किया गया. इस दौरान मांगों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की गई और जुलूस निकालकर दुकान व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराया गया. झारखंड बंद के दौरान गौरांगकोचा में चारों ओर सन्नाटा पसरा रहा. इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-team-arrived-to-investigate-the-complaint-of-irregularity-in-every-household-tap-scheme/">नोवामुंडी

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मांगों पर सकारात्मक निर्णय ले सरकार : भूषण

इस अवसर पर समाजसेवी भूषण मुर्मू ने कहा कि सरकार संथाल समाज की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लें. संथाली भाषा में पुस्तकों का प्रकाशन कर स्कूलों और कॉलेजों में पठन-पाठन अनिवार्य रूप से लागू कराएं, संथाली भाषा के शिक्षकों की बहाली कर स्कूलों में पद स्थापित करें, संथाली को राज्य का प्रथम राजभाषा बनाएं और संथाली भाषा व ओलचिकी के विकास के लिए संथाली अकादमी खोलें. उन्होंने कहा कि भाषा और लिपि के विकास के लिए की गई मांगो को सरकार तक पहुंचाने के लिए झारखंड बंद का आह्वान किया गया था. इस दौरान ईचागढ़ के प्रमुख गुरुपद मार्डी, पूर्व प्रमुख के प्रतिनिधि रंजीत टुडू, माझी बाबा धनेश्वर मुर्मू, उमेश मुर्मू, कर्मा किस्कू, बबलू मुर्मू, किरण बेसरा, सहदेव बेसरा, सुकतेन हांसदा, वकील मुर्मू, भोला नाथ मार्डी, मोहन टुडू समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. [wpse_comments_template]

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