Chandil (Dilip Kumar) : अपनी मांगों के समर्थन में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. आंदोलन के दौरान सोमवार को सभी एमपीडब्ल्यू काला बिल्ला लगाकर काम कर रहे हैं. मंगलवार को भी सभी काला बिल्ला लगाकर काम करेंगे. आंदोलन की जानकारी झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को दी है. पत्र में कहा गया है कि संघ ने 22 मार्च को अपनी मांगों को सरकार व विभाग के समक्ष रखा था, लेकिन इस पर अबतक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है. सरकार के इस उदासीन रवैये के कारण कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.
इसे भी पढ़ें :
चरणबद्ध करेंगे आंदोलन
मांगों पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं होने पर झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ ने चरण बद्ध आंदोलन करने का ऐलान किया है. इसके तहत 24 व 25 अप्रैल को सभी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मी काला बिल्ला लगाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे, 26 व 27 अप्रैल को सभी कर्मी अपने शरीर पर मांगों के समर्थन में तख्ती लगाकर विरोध दर्ज कराएंगे, 28 अप्रैल को सभी कर्मी एक दिन का उपवास रखेंगे, 29 अप्रैल को सभी कर्मी अपने अपने जिलों के सिविल सर्जन को मांग पत्र सौपेंगे, दो मई को राज्य संघ मुख्यमंत्री से मिलकर मांग पत्र सौंपेगा.
इसे भी पढ़ें :
क्या है एमपीडब्ल्यू संघ की मांगें
एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का विभाग में अविलंब स्थाई समायोजन किया जाए, कोरोना काल और उसके बाद 22 एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का आकस्मिक निधन हुआ है. मृत स्वास्थ्य कर्मियों के परिजनों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, श्रावणी मेला, ट्रेनिंग आदि के लिए अन्यत्र भेजे जाने और बाढ़ राहत के तहत कहीं भेजे जाने पर एमपीडब्ल्यू को टीए-डीए का लाभ देने समेत कुल छह मांगे शामिल हैं. संघ ने कहा है कि अगर तय कार्यक्रम तक मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं किया गया तो तीन मई को स्वास्थ्य मंत्री का आवास घेराव किया जाएगा. जिसके तहत मेकॉन गेट से स्वास्थ्य मंत्री आवास तक रैली निकाली जाएगी.
[wpse_comments_template]