Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल बांध स्थित नौका विहार परिसर में गुरुवार को विस्थापितों की हुई बैठक में तय किया गया कि संगठन को चुस्त-दुरुस्त रखने और भावी भूमिका के लिए मुस्तैद रहने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि तीन जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन विस्थापितों का रात्रिकालीन सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. बैठक में कहा गया कि पुनर्वास स्थलों के सीमांकन और वहां रह रहे विस्थापितों को आवासीय भूखंडों का मालिकाना हक आज तक नहीं मिला है. वर्षों से इन समस्याओं के लंबित होने के चलते विस्थापितों में काफी रोष है. बैठक में श्यामल मार्डी, वासुदेव आदित्यदेव, जगदीश सिंह सरदार, पशुपति सिंह सरदार, किरण वीर, ईश्वर गोप, डोमन बास्के, सुकलाल मुर्मू, नारायण गोप, कार्तिक महतो, अरविंद अंजुम आदि शामिल हुए.
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गहराता जा रहा रोजगार का संकट
चांडिल बांध के युवा विस्थापितों के सामने सबसे गहरा संकट रोजगार का है. विस्थापितों की पहली पीढ़ी को परियोजना एवं सरकारी विभागों में 1993 तक ही नियुक्ति मिली थी, जिसमें अधिकांश रिटायर कर चुके हैं. एक आंकलन के अनुसार अगले पांच वर्षों में पहली पीढ़ी के सभी विस्थापित सेवानिवृत हो जाएंगे. इस तरह से विस्थापितों के सामने रोजगार गंभीर संकट बन गया है. चांडिल जलाशय का निर्माण कृषि के विकास के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए किया गया है, जबकि वर्तमान में इस बांध के पानी का उपयोग केवल कंपनियों के लिए हो रहा है. विस्थापितों की मांग है कि चांडिल जलाशय से पानी प्राप्त करने वाले सभी लाभुक कंपनियों का दायित्व है कि वे रोजगार के अवसरों में विस्थापितों को प्राथमिकता दें.