Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल डैम आईबी में झारखंड दिशोम सरना समिति की हुई बैठक में विश्व आदिवासी दिवस समारोह को लेकर कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए झारखंड दिशोम सरना समिति के अध्यक्ष गुरुचरण किस्कू ने अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न आदिवासी संगठनों को एक साथ मिलकर विश्व आदिवासी दिवस समारोह मनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों को साजिश के तहत कमजोर किया जा रहा है. लोगों को सचेत होने की जरूरत है.
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मोटरसाईकिल जुलूस का रूट तय
मौके पर समिति के सदस्य सुकराम हेम्ब्रम ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर चांडिल प्रखंड के चांदुडीह में पौधरोपण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा. पौधरोपण के बाद चांदुडीह से मोटरसाईकिल जुलूस निकलेगा, जो ईचागढ़ ब्लॉक मोड़ पहुंचेगा. जहां सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जुलूस चौका पहुंचेगा. चौका से एनएच 33 होते हुए चांडिल गोलचक्कर जाकर जुलूस में शामिल लोग सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे. उन्होंने बताया कि इसके बाद जुलूस कटिया पहुंचकर धरती आबा बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे. कटिया से जुलूस चांडिल बाजार होते हुए अनुमंडल कार्यालय के निकट पातकोम दिशोम जाहेरगाड़ पहुंचेगा, जहां सभा का आयोजन होगा.
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झाड़ग्राम से आएगा सांस्कृतिक कलाकारों का दल
पातकोम दिशोम माझी पारगाना महाल के महासचिव श्यामल मार्डी ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है. समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए पश्चिम बंगाल के झाडग्राम से कलाकारों का दल चांडिल पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि पातकोम दिशोम जाहेरगाड़ में आयोजित सभा में अनुमंडल क्षेत्र के आदिवासी बुद्धिजीवि के साथ गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे. श्यामल मार्डी ने बताया कि सभा में चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के सभी गांवों से महिला-पुरुष पारंपरिक परिधान में अपने परंपरागत औजारों के साथ शामिल होंगे.
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अब भी उपेक्षित हैं आदिवासी
झारखंड दिशोम सरना समिति के सदस्य सुधीर किस्कू ने कहा कि आदिवासी समाज अब भी उपेक्षित हैं. आदिवासियों के कई विशेषाधिकारों का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ 9 अगस्त को विश्व आदिवसी दिवस घोषित किया है. इस दिन अपने हक व अधिकारों के लिए सभी आदिवासी समाज को एकजुट होकर चिंतन-मनन करने की जरूरत है. उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के सभी आदिवासी संगठनों को आह्वान किया कि विश्व आदिवासी दिवस पर अपने पारंपरिक परिधान, औजार व वाद्य यंत्र के साथ अधिक से अधिक संख्या में शामिल हो. इस अवसर पर चारूचांद किस्कू, बुद्धेश्वर मार्डी, अरुण टुडू, मनोज सिंह सरदार, सुदामा हेम्ब्रम, बीरेंद्र नाथ मांझी, धर्मु गोप, रामनाथ मुर्मू समेत कई लोग उपस्थित थे.