Search

चांडिल : देवशिल्पी विश्वकर्मा और प्रथम पूज्य गणेश पूजा की तैयारी जोरों पर

Chandil (Dilip Kumar)चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में प्रथम पूज्य भगवान गणेश और सृजन और निर्माण के देवता भगवान विश्वकर्मा पूजा की तैयारी जोरों पर की जा रही है. जगह-जगह प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करने के लिए पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. चांडिल बाजार, रघुनाथपुर, तिरुलडीह समेत अन्य क्षेत्रों में भगवान गणेश की पूजा धूमधाम के साथ की जाती है. वहीं क्षेत्र में स्थापित कल-कारखाना, गैराज, ऑटो स्टैंड और हार्डवेयर की दुकानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा धूमधाम के साथ की जाती है. वहीं वाहन संचालक भी पूजा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसे भी पढ़ें : नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-villagers-of-guvasai-cleaned-desauli-and-sasan-2/">नोवामुंडी

: गुवासाई के ग्रामीणों ने देसाउली व ससन की साफ-सफाई की

सज गई दुकानें

भगवान गणेश व विश्वकर्मा पूजा को लेकर बाजार में फूल-माला, झालर व सजावट की अन्य सामान की दुकानें सज गई हैं. दुकानों में खरीदारी के लिए ग्राहक भी उमड़ रहे हैं. भगवान विश्वकर्मा देव शिल्पी माने जाते हैं, इसलिए इनकी पूजा विद्युत विभाग के अलावा निर्माण से जुड़े लोग धूमधाम के साथ करते हैं. वहीं भगवान गणेश देवों के प्रथम पूज्य हैं. विद्यार्थी वर्ग विद्या की देवी मां सरस्वती के साथ भगवान गणेश की पूजा भक्तिभाव से करते हैं. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कई स्थानों में विश्वकर्मा व गणेश पूजा के मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसे भी पढ़ें : HC">https://lagatar.in/hc-directs-jpsc-to-release-revised-results-by-excluding-186-people-from-the-assistant-town-planner-appointment-process/">HC

का JPSC को निर्देश, असिस्टेंट टाउन प्लानर नियुक्ति प्रक्रिया से 186 लोगों को बाहर कर रिवाइज रिजल्ट करें जारी

पूजा के लिए दो अलग-अलग मत

देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा पूजा को लेकर इस वर्ष अलग-अलग मत हैं. बांग्ला मतानुसार इस वर्ष भगवान विश्वकर्मा की पूजा 18 सितंबर को किया जाएगा, जबकि हिन्दी पंचांग के अनुसार भगवान विश्वकर्मा की पूजा रविवार 17 सितंबर को की जाएगी. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह सात बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. इस शुभ मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी. वहीं चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में बांग्ला मत को मानने वालों की संख्या अधिक रहने के कारण अधिकांश स्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा 18 सितंबर को की जाएगी. [wpse_comments_template]

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp