Chandil (Dilip Kumar): नाम वापसी की तिथि के बाद ईचागढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 23 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं. इनमें सात ऐसे उम्मीदवार हैं जो इस विधानसभा क्षेत्र के निवासी नहीं हैं. पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम के अलावा रामगढ़ जिले से भी नेता चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे सात प्रत्याशियों में पांच को राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है, वहीं दो उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
शहीद परिवार को टिकट देता आया है झामुमो
झारखंड मुक्ति मोर्चा ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से शहीद निर्मल महतो के परिजनों को टिकट देता आया है. झारखंड आंदोलन को धार देने वाले शहीद निर्मल महतो ने ईचागढ़ को अपनी कर्मभूमि बनाई थी. उन्होंने भी ईचागढ़ से चुनाव लड़ा था, लेकिन पराजित हुए थे. उनकी हत्या के बाद उनके भाई दिवंगत सुधीर महतो को लोगों ने अपना विधायक बनाया. दो बार के प्रतिनिधित्वकाल में दिवंगत सुधीर महतो नेता प्रतिपक्ष और उपमुख्यमंत्री बने. उनके निधन के बाद ईचागढ़ वासियों ने उनकी पत्नी सविता महतो को विधायक बनाया.
दो प्रत्याशी पहले भी कर चुके हैं क्षेत्र का प्रतिनिधित्व
ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे दूसरे विधानसभा क्षेत्र के दो उम्मीदवार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इनमें वर्तमान विधायक सविता महतो और पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह शामिल हैं. सविता महतो एक बार तो अरविंद कुमार सिंह तीन बार ईचागढ़ से चुनाव जीतकर विधायक बन चुके हैं. अरविंद सिंह पहली बार निर्दलीय, दूसरी बार भाजपा और तीसरी बार झाविमो के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे. करीब तीन दशक तक ईचागढ़ की राजनीति दिवंगत सुधीर महतो और आरविंद सिंह के इर्द-गिर्द ही घूमती रही. सुधीर महतो के निधन के बाद भाजपा के दिवंगत साधुचरण महतो ने इस सिलसिले को तोड़ा और चुनाव जीतकर विधायक बने. इसके बाद सविता महतो ने चुनाव जीतकर सिलसिले को जारी रखा.
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