Chandil (Dilip Kumar) : झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल के क्रम में मंगलवार को अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में सहियाओं ने धरना दिया और नारेबाजी की. पारा चिकित्साकर्मी और सहिया के हड़ताल में रहने के कारण क्षेत्र में चिकित्सा व्यवस्था प्रभावित हो रही है. क्षेत्र में टीकाकरण का काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है. स्थायी कर्मियों की मदद से अस्पताल के आपातकाल और ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है. संघ की ओर से बताया गया कि चांडिल अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में अपनी मांगों के समर्थन में सभी आंदोलनरत सहिया धरना पर बैठी है. इस दौरान कुछ सहिया साथियों द्वारा सहियाओं को हड़ताल समाप्त करने के लिए दबाव बनाए जाने का तीव्र विरोध किया गया.
बिचौलिया का काम कर रही है कुछ सहिया साथी
झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के जिला सचिव गीता तंतुवाई ने कहा कि राज्य में 42 हजार सहिया सुदूरवर्ती क्षेत्र में सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं को घर-घर पहुंचाकर स्वास्थ्य विभाग में महत्वपूर्ण योगदान दे रहीं हैं. सरकार सहियाओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में मात्र 2000 रुपये देती है. मंहगाई के इस जमाने में दो हजार रुपये से परिवार चलाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कुछ सहिया साथी विभाग के साथ मिलकर बिचौलिया का काम कर रही हैं. उन्हें सहियाओं के आंदोलन को तोड़ने का प्रयास नहीं करना चाहिए. संघ के जिला सचिव ने कहा जिले के सभी सहिया एकजुट है. हड़ताल कर रहे सहियाओं की मांगे पुरी नहीं होने तक कलमबंद हड़ताल जारी रहेगा.
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स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है सहिया
पाटा की सहिया सुबोधिनी माहली ने कहा कि सुदूरवर्ती गांवों में काम करने वाली सहिया स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ है. कुछ सहिया 2006 से काम कर रही है. कोरोना काल में साहियाओं ने अपनी जान की परवाह किए बगैर काम किया. स्वास्थ्य विभाग की सभी ईकाई सहिया को अलग-अलग काम देती है. बावजूद सरकार सहिया के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है. सरकार सहिया को प्रतिमाह दो हजार रुपये का अनुदान देना बंद कर उन्हें प्रतिमाह 18 हजार रुपये मानदेय दे, जिससे सहिया अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके. मौके पर झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ चांडिल प्रखंड इकाई के अध्यक्ष बासंती हांसदा, सचिव सोमवारी किस्कू, बासंती हांसदा, सुमि मांझी, गुरूवारी लायेक, चंदा कैवर्त, धनेश्वरी महतो, सारथी देवी, राधारानी महतो, साधना लायेक, सुषमा मुंडा, सुमित्रा मुर्मू समेत बड़ी संख्या में सहिया मौजुद थी.
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15 सूत्री मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रही सहिया
झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ के 15 सूत्री मांगों में ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सहिया को मासिक प्रोत्साहन राशि के बदले 18 हजार मानदेय देने, सहिया साथी का 24 दिन कार्यदिवस के बदले 30 दिन करने और मानदेय 24 हजार रुपये देने, सहिया व साथी को राज्य कर्मी का दर्जा देने, कार्यानुभव के आधार पर सहियाओं को एएनएम का प्रशिक्षण देकर नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण देने, वर्ष में दो बार ड्रेस या दो हजार रुपये देने, सहियाओं को अनुकंपा का लाभ देने,
सहियाओं के आकस्मिक मृत्यु होने पर 50 लाख आर्थिक सहयोग देने, शहरी सहिया एवं सहिया साथी को जो हटाया गया उसे पुनः कार्य में योगदान कराने, सहियाओं को ईपीएफ और पेंशन का लाभ देने, हर पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने व एंबुलेंस, चिकित्सक, नर्स और उस पंचायत में कार्यरत सहिया, साथी को तिथिवार प्रतिनियुक्त करने, ठोस सहिया नियमावली विधान सभा में पारित करने, प्रतिवर्ष मानदेय में 5 से 10 प्रतिशत वृद्धि करने, 42 हजार सहिया को टैब देने, सहिया को साइकिल के स्थान पर स्कूटी देने समेत अन्य मांग शामिल है.