Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल के कुकडू प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय लेटेमदा के तीन परीक्षार्थी अपनी मातृभाषा कुड़माली में परीक्षा देने से वंचित रह गए. तीनों परीक्षार्थी आठवीं कक्षा विद्यार्थी हैं. उनका परीक्षा केंद्र उत्क्रमित उच्च विद्यालय ईचाडीह में बनाया गया था. उनके एडमिट कार्ड में भी कुड़माली भाषा दर्ज है. परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र नहीं आने पर केंद्राधीक्षक ने सभी को संस्कृत का प्रश्नपत्र देकर परीक्षा लिखवाया. इसके खिलाफ क्षेत्र में नाराजगी जताए जाने और कुड़मी समाज द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र सौंपे जाने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं. जांच की जिम्मेदारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को दिया गया है.
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रद्द हो परीक्षा : जिप उपाध्यक्ष
सरायकेला-खरसावा जिला परिषद की उपाध्यक्ष मधुश्री महतो ने जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र लिखकर उक्त परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सर्व शिक्षा योजना के तहत बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई करने की सुविधा दी है. वहीं क्षेत्र में इसका घोर उल्लंघन किया जा रहा है. इस मामले में संबंधित विद्यालय के शिक्षक व केंद्राधीक्षक के विरूद्ध नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाए. संस्कृत का प्रश्न मिलने पर बच्चों ने विरोध जताया, लेकिन केंद्राधीक्षक ने बच्चों को बताया कि कुड़माली का प्रश्न पत्र नहीं आया है, इसलिए संस्कृत विषय का परीक्षा लिखना होगा. ऐसा कर उन बच्चों के भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ किया गया है.
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बोर्ड से नहीं आया पश्नपत्र
इस संबंध में नीमडीह (कुकडू) के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी रवि शंकर महतो ने कहा कि झारखंड अधिविद्य परिषद से ही कुड़माली का प्रश्नपत्र नहीं आया था. जांच के दौरान पता चला कि मध्य विद्यालय लेटेमदा से तीन बच्चों का कुड़माली विषय के साथ फार्म भरा गया था, लेकिन प्रश्नपत्र के सीलबंद पैकेट में कुड़माली का प्रश्नपत्र नहीं था. इसके बाद परीक्षार्थियों को केंद्राधीक्षक ने संस्कृत का प्रश्नपत्र दिया गया. उन्होंने कहा कि जांच चल रही है. जल्द ही जांच रिपोर्ट प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंप दी जाएगी.
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