Chandil (Dilip Kumar) : सुवर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना निर्माण कार्य के
शुरूआती दौर से ही सुर्खियों में रहा
है. निर्माण कार्य शुरू होने के दौरान ही परियोजना का विरोध कर रहे विस्थापितों पर गोलियां चलाकर पुलिस-प्रशासन इसे चर्चित कर दिया
था. इसके बाद विस्थापितों के नाम पर गैर विस्थापितों के नौकरी करने, बगैर मुआवजा व पुनर्वास की सुविधा का लाभ दिए विस्थापितों को बेघर करने, गांवों को जलमग्न करने आदि को लेकर परियोजना सुर्खियों में रहा
है. अब एक नए मामले में परियोजना का कार्यालय सुर्खियों में
है. बताया जा रहा है कि इस बार कार्यालय परिसर में जाम छलकाने को लेकर जल संसाधन विभाग सुर्खियां बटोर रही
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आपसी विवाद में महिला को टांगी से मार कर किया घायल आंदोलन के क्रम में मिले शराब व बीयर के बोतल
दरअसल, दस सूत्री मांगों के समर्थन में अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच के बैनर तले विस्थापित अनिश्चितकालीन धरना दे रहे
हैं. इसी क्रम में सोमवार को चांडिल स्थित सुवर्णरेखा परियोजना के अंचल एवं प्रमंडल कार्यालय गेट जाम कर घेराव किया
गया. घेराव करने 84 मौजा 116 गांवों के विस्थापित
बड़ी संख्या में पहुंचे
थे. इसको लेकर कार्यालय परिसर में
बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया
था. इसी क्रम में कार्यालय परिसर में विस्थापितों को शराब और बीयर की बोतल
मिली. पुलिस की मौजूदगी में कार्यालय परिसर में विस्थापितों को गांजा का पौधा भी
मिला. मंच के नेताओं ने मौके पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी से पूछा कि क्या कार्यालय में मुर्गा-दारू की पार्टी चलती
है. विस्थापित खून के आंसू रो रहे हैं, बगैर मुआवजा व पुनर्वास सुविधा के डूब रहे हैं और पदाधिकारी कार्यालय में जाम
छलका रहे
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: शिक्षक के गायब रहने पर उमवि धरवे में हुआ बवाल एसडीओ व थाना को सौंपा पत्र
सुवर्णरेखा परियोजना के अंचल एवं प्रमंडल कार्यालय परिसर में शराब और बीयर की बोतल और गांजा का पौधा मिलने के बाद अखिल झारखंड विस्थापित अधिकार मंच इसकी जानकारी चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी और चांडिल थाना प्रभारी को लिखित रूप से
दी. पत्र में मंच ने कहा कि चांडिल डैम के विस्थापितों को 40 वर्षों से विस्थापन के बदले मुआवजा, विकास पुस्तिका, अनुदान, पैकेज,
पुर्नवास नहीं मिला
है. विस्थापितों को समुचित पुनर्वास की सुविधा मुहैया कराने और मुआवजा का भुगतान करने के लिए पदस्थापित करने वाले सभी पदाधिकारी कार्यालय भवन में शराब, बीयर का अड्डा बना रखें
हैं. भवन के बगल में गांजा का पौधा उगा रहे
हैं. यह कहां तक उचित
है. पत्र में कार्यरत सभी कर्मचारी व पदाधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई
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