Chandil (Dilip Kumar) : आदिवासी
सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष
सालखान मुर्मू के उस बयान का तीव्र विरोध किया जा रहा है, जिसपर उन्होंने कहा था कि पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुवा के सम्मान के लिए मांझी भवन व एक बाइक देने की घोषणा के खिलाफ वे न्यायालय का दरवाजा
खटखटाएंगे. विदित हो कि
केरुकोचा के जनसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुवा के सम्मान के लिए मांझी भवन व एक बाइक देने की घोषणा की
थी. मुख्यमंत्री के घोषणा को लेकर पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुवा मांझी पारगाना, मुंडा, पाहन ने मुख्यमंत्री का आभार जताया
है. मुख्यमंत्री के इस घोषणा को लेकर कोर्ट में याचिका दायर करने के पूर्व सांसद
सालखन मुर्मू के बयान पर पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के
आगुवाओं ने
कड़ी निंदा की
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पूर्व सांसद
सालखन मुर्मू के बयान देने के बाद चौका के
सिंग डाहार स्थित
फूलो झानो चौक में मांझी बाबा महेंद्र टुडू की अध्यक्षता में
पातकोम दिसोम मांझी
पारगाना महाल की बैठक
हुई. बैठक में विभिन्न गांवों के मांझी बाबा, जग मांझी, गडेत, परानिक,
नायके व सामाजिक सदस्य शामिल
हुए. इस अवसर पर मांझी बाबाओं ने कहा कि आदिवासी बहुल राज्य झारखंड, असम व पश्चिम बंगाल के आदिवासी गांव में
सालखान मुर्मू ने
सेंगेल मांझी,
सेंगेल पारगाना,
सेंगेल मानकी,
सेंगेल मुंडा व पाहन बनाकर आदिवासी समाज के समानांतर व्यवस्था बनाकर आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को खत्म करना चाहते
हैं. साथ ही गांव-गांव में
सेंगेल मांझी,
सेंगेल मुंडा,
सेंगेल पाहन मनोनीत कर आदिवासी समाज में आपसी मतभेद व सामाजिक
सौहार्द्र बिगाड़ने का काम कर रहे
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मांझी बाबाओं ने कहा कि भारत के संविधान में निहित प्रावधानों के अनुसार पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था मांझी पारगाना, मुंडा, मानकी एक संवैधानिक पद
है. मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के अगुवा को सम्मान देने के लिए मांझी भवन व एक बाइक देने की घोषणा की
है. लेकिन राजनीति से प्रेरित
सालखान मुर्मू द्वारा पारंपरिक व्यवस्था को असंवैधानिक कहना उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता
है. मांझी
पारगाना महाल के मांझी बाबाओं ने
सालखान मुर्मू के उक्त बयान की
कड़ी निंदा की
है. मौके पर सुधीर किस्कू,
सोमचांद मार्डी,
भूटीराम टुडू, गणेश मांझी, संजीव टुडू समेत
बड़ी संख्या में लोग मौजूद
थे. [wpse_comments_template]
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