Chandil (Dilip Kumar) : सिंहभूम कालेज चांडिल के आदिवासी कल्याण छात्रावास की ओर करम महोत्सव धूमधाम से मनाई गई. कल्याण छात्रावास की ओर से हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ करम डाली स्थापित कर विधिवत करम पूजा की गई. इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. पूजा-अर्चना के बाद ढोल नगाडा की थाप पर करम गीतों पर सांस्कृतिक दल के कलाकारों के साथ अतिथि और कालेज के छात्र-छात्राएं जमकर थिरके. मौंके पर वक्ताओं ने कहा करम पर्व प्रकृति से जुड़ा पर्व हैं, जिसे झारखंड के सभी समुदाय बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इसे भाई-बहन के निश्छल प्रेम के प्रतिक के रूप में भी जाना जाता है. भादो शुक्ल पक्ष की एकादशी को मुख्य पूजा होती है. यह प्रकृति की संदुरता, प्रेम, उसके साथ मानव जीवन की सहजीविता को दिखाता है. करम पर्व प्रकृति को बचाने, उसे समद्धि करने व जिंदगी को प्रवाह व आपसी एकता भाईचारा रखने वाला पर्व है. महोत्सव के अवसर पर शामिल सभी लोग एक दूसरे से मिले और करम पर्व का अभिवादन किए.
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करम गीतों पर थिरके मुख्यमंत्री के मामा व जिप सदस्य
करम महोत्सव के मौके पर सिंहभूम कालेज चांडिल के आदिवासी कल्याण छात्रावास प्रागंण में मंगलवार को करम गीतों पर मुख्यमंत्री के मामा गुरुचरण किस्कृ जमकर थिरके. उनके साथ चांडिल पश्चिम के जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी व ईचागढ भाग दो के जिला परिषद सदस्य ज्योतिलाल माझी के अलावा अन्य अथिति थी करम नाच में शामिल हुए. इसे देखकर विद्यार्थियों का उत्साह दोगुणा हो गया और वे सभी करम आखडा में थिरकने लगे. करम महोत्सव के मौके पर ईचागढ की विधायक सविता महतो, चांडिल पश्चिम के जिला परिषद सदस्य सविता मार्डी, ईचागढ भाग दो के जिला परिषद सदस्य ज्योतिलाल माझी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के मामा गुरुचरण किस्कू, चारूचांद किस्कू, सुकराम हेम्ब्रम, श्यामल मार्डी, सुधीर किस्कू, महेंद्र कुमार महतो, नारायण गोप, चांडिल के मुखिया मनोहर सिंह सरदार, रसुनिया के मुखिया मंगल माझी, छात्र नायक शंकर हांसदा, सुदामा हेम्ब्रम, सुबोध सिंह मुंडा, बिमल हेम्ब्रम, बद्दी सिंह मुंडा, निखिल महतो समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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