यह उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करती है : सौरभ प्रामाणिक
इस अवसर पर सौरभ प्रामाणिक ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देती है, बल्कि उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहर से भी जोड़ती है. टुसू पर्व पर बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स न केवल कला के माध्यम से उत्सव की भावना को व्यक्त करती है बल्कि यह उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करती है. इसे भी पढ़ें : Chandil">https://lagatar.in/chandil-studio-operator-shot-dead-in-broad-daylight-in-market/">Chandil: बाजार में दिनदहाड़े गोली मारकर स्टूडियो संचालक की हत्या [wpse_comments_template]
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