Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार पांच दिनों से हाथियों का झुंड अलग-अलग गांवों में मकानों को क्षतिग्रस्त कर और फसलों को बर्बाद कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. शुक्रवार की रात जंगली हाथियों के झुंड ने ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के गुदड़ी और टीकर में जमकर उत्पाद मचाया. इस दौरान हाथियों ने टीकर में दो मकानों को ध्वस्त किया और दोनों गांवों में फसल को बर्बाद किया.
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दहशत में रात गुजार रहे लोग
आए दिन हाथियों के आतंक मचाए जाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दहशत के साए में रात गुजार रहे हैं. शुक्रवार की देर रात हाथियों के झुंड ने खींचा कर प्रखंड के गुदड़ी गांव में जमकर उत्पात मचाया. हाथियों के झुंड ने प्यास माझी, गुंदरू माझी, प्रसाद चंद्र माझी के फसलों को रौंदकर नष्ट कर दिया. वहीं छोटा आमड़ा गांव में योगेंद्र नाथ माझी और जाहेरडीह में भी धान के पौधों को बर्बाद किया. शुक्रवार की रात को ही हाथियों के झुंड ने टीकर में दो मकानों को भी ध्वस्त कर दिया. टीकर निवासी विनोद गोराई और रबनी गोराई के मकान को ध्वस्त करने के बाद हाथियों के झुंड ने मकान के अंदर रखे धान को अपना निवाला बनाया.
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लगातार पांचवे दिन जारी रहा हाथियों का उत्पात
जंगली हाथियों के झुंड का उत्पाद लगातार पांचवे दिन जारी रहा. हाथियों के झुंड ने सबसे पहले चांडिल प्रखंड के तारकुआं और मुनूकनाली में एक-एक मकान को ध्वस्त किया था. इसके बाद हाथियों का झुंड कोकेबेड़ा में दो मकानों को ध्वस्त कर धान चट कर गए. इसके बाद हाथियों का झुंड नूतनडीह पहुंचा और एक विधवा महिला के मकान को क्षतिग्रस्त कर धान खाया. चौथे दिन हाथियों का झुंड जाहेरडीह और गुदड़ी पहुंचा, जहां तीन मकानों को क्षतिग्रस्त करने के साथ फसल को बर्बाद किया. वहीं शुक्रवार की रात जंगली हाथियों का झुंड टीकर पहुंचा. जहां दो मकानों को क्षतिग्रस्त कर मकान के अंदर रखे धान को अपना निवाला बनाया. रोज अलग-अलग गांव में हाथियों के घुसकर मकानों व फसल को बर्बाद करने से ग्रामीण दहशत में है. ग्रामीणों ने वन विभाग से जंगली हाथियों को वापस जंगल की ओर पहुंचाने और जानमाल की सुरक्षा गुहार लगाया है.
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