Chandil (Dilip Kumar) : हूल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ईचागढ़ प्रखंड के गौरांगकोचा स्थित ब्लॉक मोड़ पर स्थापित संथाल हुल के अमर नायक सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. मौके पर गौरांगकोचा के माझी बाबा धनेश्वर मुर्मू की अगुवाई में पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद उपस्थित लोगों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया. इस अवसर पर समाजसेवी भूषण मुर्मू ने कहा कि क्रांति के महानायक सिदो-कान्हू और उनके भाई-बहनों का किसी के गुलामी के खिलाफ प्रतिबद्धता, माटी के प्रति प्रेम और समाज के प्रति समर्पण जन मानस के बीच ऊर्जा पैदा करता है.
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एक और क्रांति की जरूरत
भूषण मुर्मू ने कहा कि वर्तमान समय में भी एक हूल यानी एक क्रांति की जरूरत है. यह किसी सरकार और व्यक्ति के विरूद्ध नहीं, व्यवस्था के विरूद्ध नहीं बल्कि अपना वजूद बचाने के लिए, समाज में फैले अंधविश्वास के लिए, सुशासन व पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए क्रांति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रकृति प्रेमी आदिवासियों को हर वर्ष एक-एक पौधा लगाने की आवश्यकता है. ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और आदिवासियों का प्रकृति के साथ संबंध बना रहे. इस अवसर पर मुखिया राखोहरि सिंह मुंडा, निताई उरांव, रंजीत टुडू, खगेन महतो, गोविंद बंसरा, अजित मुर्मू, सपन सिंहदेव समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे.
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भाजपा महिला नेत्री ने दी श्रद्धांजलि
भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की नेत्री तरू सिंह मुंडा ने हुल दिवस के अवसर पर शुक्रवार को चांडिल गोलचक्कर में स्थापित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता भोला मुंडा ने भी अमर शहीद सिदो-कान्हू को श्रद्धांजलि अर्पित की. मौके पर तरू सिंह मुंडा ने कहा कि आजादी के परवाने अमर शहीदों की याद मात्र से ही हमारे अंदर स्फूर्ति पैदा होती है. ऐसे महान सपूत को देश कभी भूल नहीं पाएगा.