Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल अनुमंडल अंतर्गत ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के आदारडीह व मतकामडीह में पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार छाता मेला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पूजा अनुष्ठान के बाद छाता को लकड़ी के सहारे करीब 50 फीट ऊपर फहराया गया. मतकामडीह में छाता फहराने के बाद जागृति महिला लोक संस्कृति पुरूलिया के कलाकारों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया. मेला में दूर दराज से लोगों का हुजुम उमड़ा.इसे भी पढ़ें : चांडिल : कोल्हान यूथ वेलफेयर सोसाइटी के शिविर में 65 लोगों ने किया रक्तदान
सदियों से चली या रही परंपरा
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बताया जाता है कि प्राचीन काल से ही राजा, महाराज और जमींदारों द्वारा खेती कार्य संपन्न होने के बाद भादो संक्रांति को छाता पर्व मनाया जाता रहा है. खेती कार्य संपन्न होने पर राजा, जमींदारों द्वारा आयोजित छाता मेला में शामिल होकर किसान खुशीयाली मनाते थे. प्राचीन काल से चली आ रही यह परंपरा ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कायम है. इस संबंध में समाजसेवी चंदन कुमार महतो ने बताया कि यहां सदियों से छाता उठाने का परंपरा चली आ रही है. छाता उठाने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया.इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : दुर्गा पूजा का कपड़ा पाकर खिल उठे नौनिहालों के चेहरे
कार्यक्रम में यह रहे मुख्य रूप से मौजूद
मौके पर भुखल महतो, किरिटी सरकार, बलराम महतो, गुलाब सिंह मुंडा, अघोर महतो, अश्विनी महतो, गोपेश महतो, मुखिया नयन सिंह मुंडा, आदारडीह के ग्राम प्रधान शिबु महतो, मोहनलाल महतो समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण समेत बडी संख्या में ग्रामिण उपस्थित थे.
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