Chandil (Dilip Kumar) : दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन को लेकर समाज में विभिन्न मान्यताएं हैं. इसमें से कई सारी प्राचीन समय से चलती आ रही हैं जैसे दशहरे पर शस्त्र पूजन करना. कहा जाता है कि दशहरा पर शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है. इसी महत्व के कारण विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को शारदीय नवरात्र के महासप्तमी के अवसर पर शस्त्र पूजन का आयोजन किया. चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत झिमड़ी में विश्व हिंदू परिषद ने इस वर्ष शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया. झिमड़ी पंचायत के मुखिया सरस्वती सिंह मुंडा ने दीप प्रज्ज्वलित करके शस्त्र पूजा का शुभारंभ किया.
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बुराई का नाश के लिए की शस्त्र पूजा
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के कोल्हान प्रमंडल संगठन मंत्री मिथलेश महतो ने कहा कि दशहरे पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी. वहीं दूसरी ओर मां दुर्गा ने भी महिषासुर को परास्त कर देवताओं और धरती पर रहने वाले लोगों को उसके आतंक से मुक्त किया था. उन्होंने कहा कि दशहरे के दिन हमारे भगवान ने बुराई का नाश कर सत्य की विजय का प्रमाण दिया था. इसी सत्य की विजय की खुशी में शस्त्र पूजन करने की परंपरा है, जिसे समाज आज भी परंपररगत रूप से निर्वाह कर रहा है. इस अवसर पर सतीश कुमार, अरुण गोराई, राजीव प्रामाणिक, सुबोध गोराई, माधव गोराई, सुरेंद्र दास, भास्कर प्रामाणिक, विश्वनाथ, राजेश, सुशील ,पिंटू, जितेन, आनंद, पवन, उषा रानी, शकुंतला, सरिता देवी समेत कई ग्रामीण उपस्थित थे.
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