ग्रामीणों का आरोप-रात के अंधेरे में हो रहा अवैध बालू अबाध परिचालन
ग्रामीणों द्वारा बालू लदे हाइवा को रोकने की सूचना पर तिरुलडीह थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की. लेकिन ग्रामीण अवैध बालू खनन के खिलाफ डटे रहे. उनका कहना था कि तिरुलडीह की ओर से एक साथ लगभग 50 हाइवा में बालू लोड कर ले जाया जा रहे हैं. आखिरी इन्हें कहां से चालान निर्गत किया गया है. दिन की बजाय आखिर रात में ही बालू लदे हाइवा क्यों चलाये जा रहे हैं.स्वर्णरेखा नदी में किया जा रहा बालू का अवैध खनन, बिना रुकावट परिचालन भी जारी
गौरतलब है कि तिरुलडीह में एक भी सरकारी बालू घाट नहीं है. लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और खनन विभाग के सख्त कदमों के बावजूद तिरुलडीह और ईचागढ़ थाना क्षेत्र में बालू का अवैध खनन और उसके कारोबार पर रोक नहीं लग रही है. ग्रामीणों ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी में अवैध रूप से बालू का खनन किया जा रहा है और इसका परिचालन बिना किसी रुकावट के जारी है.चंदा ले रहे थे ग्रामीण : पुलिस
इस मामले में तिरुलडीह थाना के प्रभारी थानेदार सब इंस्पेक्टर कार्तिकेय सिंह ने बताया कि बड़ा लापांग मोड़ के पास सड़क पर आवागमन की समस्या होने की सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची थी. मौके पर पहुंचने पर पता चला कि बड़ा लापांग गांव में धार्मिक अनुष्ठान चल रहा है. ग्रामीण वाहनों से चंदा लेने के लिए जुटे थे. बालू लदे हाइवा रोके जाने पर उन्होंने कहा कि सभी हाइवा चालकों के पास बालू का चालान था. सड़क पर आवागमन सुचारू कराने के बाद पुलिस मौके से लौट गयी. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने 50 से अधिक हाइवा का चालान कब और कैसे जांच किया. इसकी सूचना संबंधित विभाग और वरीय पदाधिकारियों को क्यों नहीं दी गयी. मध्याात्रि को तिरुलडीह की ओर से बालू का चालान कहां निर्गत किया जाता है.alt="" width="600" height="400" />
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