Chandil (Dilip Kumar) : चांडिल प्रखंड के तामुलिया काड़ाधोरा गांव में बुधवार को वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों ने विरोध-प्रदर्शन किया. विरोध-प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पूर्व गांव की 8-10 गरीब, लाचार, असहाय, आदिवासी महिला घर में खाना पकाने के लिए जंगल से सूखी लकड़ी इकट्ठा करके लाने गई थी. जलावन के लिए लकड़ी लाने वाली महिलाओं को वन विभाग के अधिकारी द्वारा धमकाया गया और वन अधिनियम के तहत केस दर्ज कराने की बात कहकर डराया गया. ऐसे में वन अधिनियम 2006 लागू रहने के बाद भी गरीब आदिवासी महिला समेत पूरे गांव के लोग को प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है.
वन क्षेत्र के सामने लकड़ी टाल बंद करवाए विभाग
विरोध-प्रदर्शन के दौरान समाजिक कार्यकर्ता बाबूराम सोरेन ने कहा कि चांडिल, मानगो, डिमना आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लकड़ी टाल संचालित है. वन क्षेत्र के कीमती पेड़ गायब होते जा रहे हैं. ग्रामीणों ने वन सुरक्षा समिति बनाकर वनों की रक्षा का जिम्मा उठाया है. उन्होंने कहा कि कहीं वन विभाग की मिलीभगत से तो लकड़ी टाल नहीं चल रहा है. डीएफओ लकड़ी तस्करी करने वाले लकड़ी काट माफिया पर कार्रवाई क्यों नहीं करते है.
दर्ज कराएंगे मामला: बाबूराम सोरेन
बाबूराम सोरेन ने कहा कि अगर बेवजह आदिवासियों को प्रताड़ित किया गया तो वन अधिकारियों के खिलाफ आदिवासी उत्पीड़न केस दर्ज कराया जाएगा और उग्र आंदोलन किया जाएगा. विरोध-प्रदर्शन के मौके पर मांझी बाबा होपोन हेंब्रम, शंकर मुर्मू, सोनाराम हेम्ब्रम, छुटू हेंब्रम, भटमा मार्डी, इंद्र टुडू, बबलू टुडू, बबलू सोरेन, सुदन टुडू समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.
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