Chandil (Dilip Kumar) : झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति चांडिल अनुमंडल इकाई की बैठक सोमवार को ईचागढ़ प्रखंड के चोगा आदरडीह में हुई. मौके पर झारखंड के वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा करते हुए झारखंड सरकार की गलत नीतियों का एक स्वर में विरोध किया गया. साथ ही बीते छह माह से चल रहे 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति, नियोजन नीति, विस्थापन नीति और उद्योग नीति बनाने को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा किया गया. इस अवसर पर झारखंड सरकार से मांग की गई कि झारखंडी हित में मानसून सत्र के दाैरान पूर्व की स्थानीय नीति को निरस्त कर खतियान आधारित स्थानीय नीति के संबंध में विधानसभा पर चर्चा कराएं.
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समिति ने चर्चा करते हुए कहा कि सरकार दिन प्रतिदिन झारखंड के लोगों के खिलाफ नीति ला रही है. कुछ दिन पूर्व कार्मिक विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि झारखंड में अब बिहार के वैसे मूलनिवासी जो झारखंड में सेवा के पद पर कार्यरत हैं उनके बच्चे झारखंड में आरक्षण का दावा कर सकते हैं. सरकार ऐसे गैर झारखंडी नीतियों से पूरे झारखंड के युवा पीढ़ी को बर्बाद करने पर तुली हुई है. ऐसे झारखंड विरोधी नीतियों का हर मोर्चे पर झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति विरोध करेगी. काशी नाथ महतो की अध्यक्षता में हुई बैठक में चांडिल अनुमंडल इकाई के सक्रिय सदस्य तरुण महतो, शंकर महतो, रुपेश बनर्जी (ठाकुर), राकेश रंजन महतो, देवेन महतो, वरुण महतो व ईचागढ़ प्रखंड के युवा, छात्र, बुजुर्ग व बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे.