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Chandrayaan-3 चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में पहुंचा, 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा

SriHarikota : चंद्रयान-3 आज, 16 अगस्त को सुबह चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में पहुंच गया है. चंद्रयान-3 के सभी हिस्से सही ढंग से काम कर रहे हैं. खबर है कि आज सिर्फ एक मिनट के लिए इंजन ऑन किया गया था. जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 अभी 153 km x 163 km की ऑर्बिट में चक्कर काट रहा है.                नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल

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अब चंद्रयान का कोई ऑर्बिट नहीं बदला जाना है

इससे पहले वह 150 km x 177 km की ऑर्बिट में था. चंद्रमा के चारों तरफ ऑर्बिट मैन्यूवर पूरा हो चुका है. अब चंद्रयान का कोई ऑर्बिट नहीं बदला जाना है. पहला ऑर्बिट 164 x 18074 KM का था. 6 अगस्त 2023 को ऑर्बिट घटाकर 170 x 4313 km किया गया था. इस दिन चंद्रयान-3 को चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था. इससे पहले 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की पहली ऑर्बिट में पहुंचा था.

 5 अगस्त को चंद्रयान ने चांद की तस्वीरें जारी की थी

इसी दिन चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं. बता दें कि 9 अगस्त को तीसरी बार ऑर्बिट बदली गयी थी. उस समय यह चांद की सतह से 174 km x 1437 km की ऑर्बिट में घूम रहा था. 14 अगस्त को चंद्रयान-3 को 150 km x 177 km की ऑर्बिट में डाला गया था.

17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे

जानकारी दी गयी है कि 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे. दोनों मॉड्यूल चंद्रमा के चारों तरफ 100 km x 100 km की गोलाकार ऑर्बिट में होंगे. 18 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी. उसकी कक्षा की ऊंचाई में कमी की जायेगी. इसके बाद 20 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल की रात पौने दो बजे डीऑर्बिटिंग होगी.

लगातार चंद्रयान-3 की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है

खबर है कि 23 अगस्त को लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. सब कुछ ठीक ठाक रहने पर पौने छह बजे के लगभग लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा. ISRO के बेंगलुरु में मौजूद सेंटर टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX) से लगातार चंद्रयान-3 की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. [wpse_comments_template]

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